MP News : लड़कियों के छोटे और टाइट कपड़ों को लेकर सवाल, मंदिर में लगे पोस्टर पर मचा बवाल

MP News : उज्जैन। जिले के नागदा में बिरलाग्राम स्थित श्री बड़ा गणेश मंदिर में लगाए गए एक पोस्टर ने तीखी बहस छेड़ दी है। इस पोस्टर में महिलाओं और लड़कियों के पहनावे को लेकर पांच सवाल उठाए गए हैं, जिसमें 'सनातन पोशाक' अपनाने की सलाह दी गई है। पोस्टर में माता-पिता को संबोधित करते हुए उनके बच्चों के 'अमर्यादित' और 'अश्लील' पहनावे के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। इस मुद्दे ने सोशल मीडिया और स्थानीय समुदाय में विवाद को जन्म दिया है।
MP News : पोस्टर में उठाए गए सवाल
पोस्टर में निम्नलिखित पांच बिंदुओं के माध्यम से माता-पिता से सवाल किए गए हैं: क्या टीवी शो और फिल्मों के प्रभाव में माता अपनी छोटी बेटियों (4, 6, 8 वर्ष से अधिक) के लिए अनुचित ड्रेस चुनकर अश्लीलता को बढ़ावा देती हैं? क्या 10 वर्ष से अधिक उम्र की बेटियों के तंग और छोटे कपड़े पहनने पर पिता की चुप्पी उनकी मौन स्वीकृति दर्शाती है? क्या छोटे और अर्धनग्न कपड़े पहनने वाली लड़कियों को 'मॉडर्न, स्मार्ट और आधुनिक' मानने की सोच सही है? अपनी बेटियों को विचारों की स्वतंत्रता दें, न कि अनुचित और अश्लील पहनावे की। शालीन और मर्यादित कपड़े आपकी बेटी के लिए सुरक्षा कवच हैं। पोस्टर के अंत में 'जनजागरण समिति' का उल्लेख है, लेकिन यह समिति पंजीकृत नहीं है और इसके बारे में न तो मंदिर समिति को कोई जानकारी है और न ही स्थानीय प्रशासन को।
MP News : विवाद और समाज में प्रतिक्रियाएं
पोस्टर के सामने आने के बाद समाज में दो धड़े बन गए हैं। एक वर्ग इसे महिलाओं की व्यक्तिगत स्वतंत्रता और पसंद पर हमला मान रहा है, जबकि दूसरा वर्ग इसे सनातन संस्कृति और मंदिर की मर्यादा को बनाए रखने की दिशा में एक कदम बता रहा है। सोशल मीडिया पर यह मुद्दा तेजी से वायरल हुआ, जिसके बाद कुछ नागरिकों ने आपत्ति जताई और पिछले सप्ताह पोस्टर को हटा दिया गया।
MP News : अखिल भारतीय पुजारी महासंघ का समर्थन
अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के अध्यक्ष और महाकाल मंदिर के वरिष्ठ पुजारी पंडित महेश शर्मा ने इस पोस्टर का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, "मंदिर आस्था और मर्यादा का केंद्र है। सभी भक्तों, विशेषकर युवा महिलाओं को, मंदिर में शालीन पोशाक में आना चाहिए। यह परंपरा दक्षिण भारत के मंदिरों और महाकाल मंदिर के गर्भगृह में पहले से लागू है।" उन्होंने आगे कहा कि शालीन कपड़े न केवल सनातन धर्म की गरिमा को बनाए रखते हैं, बल्कि यह भक्तों के लिए एक सुरक्षा कवच भी हैं।