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CG News: मानसून की बिदाई से पहले भी जमकर बरस रहे बादल, 28 जिलों में ऑरेंज-यलो अलर्ट…

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CG News: रायपुर। छत्तीसगढ़ में मानसून की विदाई से पहले बादल जमकर बरस रहे हैं। एक दिन पहले रायपुर में 143 मिमी बारिश रिकार्ड किया गया था। बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम की वजह से छत्तीसगढ़ में 26 से 29 सितंबर तक अधिकांश जगह हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। वहीं कुछ स्थानों पर भारी बारिश भी हो सकती है। इधर मौसम विभाग ने 28 जिलों के लिए ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के उत्तरी पश्चिम और समीपवर्ती पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी तथा समीपवर्ती दक्षिण ओडिशा-उत्तरी आंध्र प्रदेश तटों पर ऊपरी वायु चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव से अगले 2 दिनों तक दक्षिण छत्तीसगढ़ यानी बस्तर संभाग के जिलों भारी बारिश की संभावना जताई है।


CG News: रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र ने प्रदेश के नारायणपुर, कोंडागाांव, उत्तर बस्तर कांकेर, धमतरी, बालोद, राजनाांदगाांव, गरियाबंद, महासमुंद, रायपुर, बलौदा बाजार, जाांजगीर-चाांपा, रायगढ़, बिलासपुर, कोरबा, जशपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, दुर्ग, बेमेतरा, कबीरधाम, मुंगेली, सुरगुजा, सूरजपुर, कोरिया, जिले के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं सुकमा, बीजापुर, दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा, बस्तर, नारायणपुर और बलरामपुर जिले के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। यहां बारिश के साथ मेघगर्जन होने, आकाशीय बिजली गिरने की घटना हो सकती है। अचानक तेज हवा चल सकती है। हवा की रफ्तार 30 से 40 किमी प्रति घंटे चलने की संभावना है।


CG News: यह सिनोप्टिक सिस्टम

– दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी रेखा 37.5°N/73°E, रामपुर, बुशहर, हरिद्वार, मुरादाबाद, इटावा, बांसवाड़ा, वल्लभ विद्यानगर, वेरावल, 20.5°N/69°E से होकर गुजर रही है।

– उत्तर-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे सटे दक्षिण ओडिशा-उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटों पर ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है और ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है।

– पूर्व-मध्य और उससे सटे उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है और मध्य क्षोभमंडल स्तर तक विस्तारित है। इसके प्रभाव में, अगले 12 घंटों के दौरान उत्तर और उससे सटे मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक निम्न दाब क्षेत्र बनने की संभावना है। 26 सितंबर को दक्षिण ओडिशा-उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटों से दूर उत्तर-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक अवदाब के रूप में केंद्रित होने की संभावना है।

– उत्तर-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे सटे दक्षिण ओडिशा-उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटों पर ऊपरी हवा के चक्रवाती परिसंचरण से तेलंगाना, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक होते हुए दक्षिण महाराष्ट्र तट तक समुद्र तल से 4.5 और 5.8 किमी ऊपर एक द्रोणिका बनी हुई है।

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