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CG News: सड़क पर गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं, दोषियों का लाइसेंस रद्द करें… स्टंट और तलवार से केक काटने पर हाई कोर्ट की फटकार…

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CG News: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्गों और सार्वजनिक सड़कों पर लगातार हो रहे स्टंट, गुंडागर्दी और तलवार से केक काटकर जन्मदिन मनाने जैसी घटनाओं पर कड़ा रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने साफ कहा कि सड़क पर गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बी.डी. गुरु की खंडपीठ ने राज्य सरकार और पुलिस को कड़ी चेतावनी देते हुए दोषियों के ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने तक की कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।


CG News: हाईकोर्ट को बताया गया कि रायपुर के खरोरा क्षेत्र में युवकों ने हाइवे पर पटाखे जलाते हुए केक काटा, वहीं बिलासपुर रतनपुर बायपास रोड पर कुछ लड़कों ने तलवार से केक काटकर जन्मदिन मनाया था। इस दौरान ट्रैफिक जाम और दहशत का माहौल बना। पुलिस ने बिलासपुर की घटना में 15 युवकों को हिरासत में लिया है, जिनमें 9 नाबालिग हैं। तलवार और वाहन जब्त कर बीएनएस की धारा 126(2), 191(2) और आर्म्स एक्ट की धारा 25, 27 के तहत केस दर्ज किया गया है।


CG News:हाई कोर्ट ने बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक और रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि वे स्टंट ड्राइविंग और सड़क पर उपद्रव रोकने के लिए अपनाए गए निवारक कदम, जागरूकता अभियान और अब तक हुई कार्रवाई का विस्तृत हलफनामा पेश करने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट कहा कि जब्त सभी वाहन कोर्ट की अनुमति के बिना किसी हालत में रिहा नहीं किए जाएंगे और दोषियों के लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की जानकारी भी पेश करनी होगी।


CG News: हाईकोर्ट ने इससे पहले बिलासपुर के मस्तूरी रोड पर कार चालकों के खतरनाक स्टंट पर स्वतः संज्ञान लिया था। ग्राम लावर स्थित एक फार्म हाउस में जन्मदिन मनाने जा रहे कुछ युवक मस्तूरी रोड पर अपनी चलती कारों में स्टंटबाजी कर रहे थे। लापरवाही से कार चलाकर राहगीरों की जान जोखिम में डाल रहे थे। इन लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-49 पर यातायात जाम की स्थिति भी पैदा कर दी थी। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले में पुलिस ने 18 कारों को जब्त किया था। कारों में पाए गए व्यक्तियों पर कार्रवाई भी की गई थी। कोर्ट ने पुलिसिया कार्रवाई पर नाराजगी जताते हुए मौजूदा कार्रवाई को नाकाफी बताया था। कोर्ट ने इस मामले में मुख्य सचिव से शपथ पत्र में जवाब मांगा है।

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