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Sharadiya Navratri: शारदीय नवरात्र आज से, माता रानी का राजश्री श्रृंगार, 56 भोग लगेगा रात 12 बजे तक खुला रहेगा रतनपुर की महामाया मंदिर का पट

Sharadiya Navratri

Sharadiya Navratri: रायपुर/बिलासापुर/राजनांदगांव। शारदीय नवरात्रि की आज से शुरुआत हो गई है। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध देवी मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए पहुंच रहे है। मंदिर परिसर को आकर्षक लाइट रंग बिरंगे फूलों से सजाया गया है। जिसकी रौनक देखते ही बन रही है।


Sharadiya Navratri: दंतेवाड़ा की मां दंतेश्वरी माई की आज की पहली तस्वीर सामने आई है। जिसमें मां को स्वर्ण आभुषण पहनाए गए है। डोंगरगढ़ की मां बम्लेश्वरी देवी मंदिर में ब्रम्ह मुहूर्त में मां की आरती हुई, यहां 9 दिनों तक दोनों टाइम मां को 56 भोग लगाए जाएंगे।


Sharadiya Navratri: वहीं, रायपुर की प्राचीन महामाया देवी मंदिर में मां को सोने के आभुषण के साथ ही कमर पर करधनी पहनाई गई है। बिलासपुर की प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां महामाया देवी का सोमवार को शृंगार होने के बाद नवमीं तक उनके वस्त्र नहीं बदले जाएंगे। रात 12 बजे तक भक्त मां के दर्शन कर सकेंगे। सप्तमी के दिन 24 घंटे तक मंदिर का पट खुला रहेगा।


Sharadiya Navratri: डोंगरगढ़ में लाखों की भीड़ मैनेज करने 1 हजार जवान तैनात

डोंगरगढ़ में शारदीय नवरात्र का शुभारंभ हो गया है। मां बम्लेश्वरी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। मंदिर का आंगन और मार्ग फूलों, रंगोली और दीपों से सजाया गया है।


Sharadiya Navratri: नवरात्र का यह पर्व 22 सितंबर से 1 अक्टूबर 2025 तक चलेगा। इसके बाद 2 अक्टूबर को विजयदशमी मनाई जाएगी। मंदिर में एकम को घटस्थापना, अष्टमी को हवन और नवमी को विसर्जन किया जाएगा।


Sharadiya Navratri: मंदिर प्रबंधन ने सभी परंपरागत तैयारियां पूरी कर ली हैं। भीड़ नियंत्रण के लिए एक हजार पुलिस जवान तैनात किए गए हैं। रेलवे और जिला प्रशासन ने यात्रा सुगमता और सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए हैं।


Sharadiya Navratri: रोपवे की सुविधा

मां बम्लेश्वरी का मंदिर पहाड़ की 1,600 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां तक पहुंचने के लिए करीब 1,000 सीढ़ियां हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रोपवे की भी व्यवस्था है। स्थानीय परंपराओं के अनुसार यह मंदिर लगभग 2,200 साल पुराना है। कुछ किंवदंतियों में राजा वीरसेन, विक्रमादित्य और पांडवों का इस स्थल से जुड़ाव बताया जाता है। देश-प्रदेश से आने वाले श्रद्धालु नौ दिनों तक मां के दर्शन कर अपनी मनोकामनाएं पूरी करेंगे।

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