Shardiya Navratri 2025 : उज्जैन के हरसिद्धि मंदिर में भक्तों का सैलाब, माता के दरबार में विशेष श्रृंगार और दीपमाला की रौनक

Shardiya Navratri 2025 : उज्जैन : शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व शुरू होते ही देशभर में माता की आराधना की धूम मची है। मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित मां हरसिद्धि मंदिर, जो देश के 51 शक्ति पीठों में से एक है, में पहले दिन से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। यह मंदिर चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य की आराध्य देवी मां हरसिद्धि का निवास है, और यहीं से विक्रम संवत की शुरुआत मानी जाती है। नवरात्रि के नौ दिनों में मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और दीपमाला प्रज्वलन का आयोजन हो रहा है, जो भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
Shardiya Navratri 2025 : शास्त्रों के अनुसार, उज्जैन के इस पवित्र स्थान पर माता सती की कोहनी गिरी थी, जिसके कारण यह शक्ति पीठ बना। करीब 4000 साल पुराना यह मंदिर आस्था और भक्ति का प्रमुख केंद्र है। मंदिर के पंडित राजू गोस्वामी ने बताया कि मां हरसिद्धि की दिव्य प्रतिमा का नवरात्रि के दौरान विशेष श्रृंगार किया जाता है। सुबह और शाम को विशेष पूजन-अर्चन के बाद प्रतिदिन शाम 7 बजे ढोल-नगाड़ों के साथ भव्य आरती होती है, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं। नवरात्रि के दौरान मंदिर में भक्तों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है, और देश-विदेश से लोग मां के दर्शन और सुख-समृद्धि की कामना के लिए पहुंचते हैं।
Shardiya Navratri 2025 : मंदिर परिसर में दो विशाल दीपमालिकाएं, जो शिव और शक्ति का प्रतीक हैं, नवरात्रि की शोभा बढ़ाती हैं। इन दीपमालिकाओं को नौ दिनों तक लगातार प्रज्वलित रखा जाता है। भक्त इनके प्रज्वलन के लिए अग्रिम बुकिंग करते हैं, ताकि मनोवांछित फल प्राप्त हो। पंडित गोस्वामी के अनुसार, मां हरसिद्धि अपने भक्तों की हर मुराद पूरी करती हैं, यही वजह है कि यह मंदिर सालभर भक्तों से गुलजार रहता है, लेकिन नवरात्रि में यहां का माहौल अनुपम होता है।
Shardiya Navratri 2025 : मंदिर प्रशासन ने भक्तों की सुविधा और सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे मंदिर के नियमों का पालन करें और शांतिपूर्ण तरीके से दर्शन करें। मां हरसिद्धि का यह दरबार नवरात्रि में आध्यात्मिक ऊर्जा और भक्ति का अनूठा संगम बन गया है।