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UP News : यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग की अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पांडेय ने दिया इस्तीफा, एक साल पहले हुई थी नियुक्ति

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UP News : लखनऊ। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (UPESSC) की अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पांडेय ने मात्र एक वर्ष के कार्यकाल के बाद अपनी कुर्सी छोड़ दी है। उन्होंने 22 सितंबर 2025 को इस्तीफा सौंपा, जिसे शुक्रवार को राज्य सरकार ने स्वीकार कर लिया। इस्तीफे के बाद आयोग के कार्यों को सुचारू रखने के लिए वरिष्ठ सदस्य को अस्थायी रूप से अध्यक्ष का दायित्व सौंप दिया गया है। प्रो. पांडेय ने इस्तीफे का कारण निजी बताया है, लेकिन इस निर्णय ने शिक्षा विभाग में हलचल मचा दी है।


UP News : उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव गिरिजेश त्यागी ने एक आदेश जारी कर आयोग के वरिष्ठ सदस्य को अध्यक्ष के पद का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। यह व्यवस्था तब तक लागू रहेगी, जब तक नया अध्यक्ष नियुक्त न हो। आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि अध्यक्ष पद के खाली होने से भर्ती प्रक्रियाओं या आयोग के अन्य कार्यों पर कोई असर न पड़े। विशेष सचिव त्यागी ने बताया कि यह कदम आयोग के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।


UP News : प्रो. कीर्ति पांडेय को 1 सितंबर 2024 को यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। गोरखपुर विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र विभाग की प्रोफेसर पांडेय (निवासी: पक्की बाड़ी, अखाड़ा कंपाउंड, चौक, गोरखपुर) आयोग की पहली पूर्णकालिक अध्यक्ष थीं। उनकी नियुक्ति से पहले प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एमपी अग्रवाल कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे। आयोग का गठन 23 अगस्त 2023 को हुआ था, और मार्च 2024 में सभी 12 सदस्यों की नियुक्ति पूरी हुई थी।


UP News : नियुक्ति के तुरंत बाद, प्रो. पांडेय ने 5 सितंबर 2024 को कार्यभार संभाला। उन्होंने शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोग के कार्यालय में बैठकें कीं और भर्ती कैलेंडर तैयार करने के लिए कमेटी गठित की। हालांकि, कार्यभार संभालते ही डीएलएड अभ्यर्थियों ने आयोग कार्यालय का घेराव कर शिक्षक भर्ती की मांग की थी।


UP News : प्रो. पांडेय ने इस्तीफे का कारण निजी बताया है, लेकिन आधिकारिक रूप से इससे अधिक कोई जानकारी नहीं दी गई। शिक्षा विभाग में उनके अचानक इस्तीफे को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव आयोग की भर्ती प्रक्रियाओं, विशेषकर टीजीटी, पीजीटी और सहायक प्रोफेसरों की 20 हजार से अधिक रिक्तियों पर भर्ती पर असर डाल सकता है। आयोग का मुख्यालय प्रयागराज में है, और यह बेसिक से उच्च शिक्षा तक सभी स्तरों पर शिक्षकों की एकीकृत भर्ती का जिम्मा संभालता है।

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