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Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि के छठे दिन होती है मां कात्यायनी की पूजा, सुख-समृद्धि की होगी प्राप्ति, जानें शुभ मुहूर्त और विधि

Navratri 2025

Navratri 2025: नई दिल्ली: शारदीय नवरात्रि का पर्व इस बार 10 दिनों तक मनाया जा रहा है, जो हिंदू धर्म में विशेष उत्साह का प्रतीक है। नौ दिनों में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की आराधना की जाती है, जिसमें छठा दिन मां कात्यायनी को समर्पित है। मां कात्यायनी को सफलता और यश का प्रतीक माना जाता है, जिनकी पूजा से जीवन में खुशहाली आती है।


Navratri 2025: मां कात्यायनी का स्वरूप

मां कात्यायनी का स्वरूप दिव्य है। वे सिंह पर सवार चार भुजाओं वाली देवी हैं, जिनमें तलवार, कमल पुष्प, वर मुद्रा और अभय मुद्रा धारण की हुई है। पूजा विधि में सूर्योदय से पूर्व स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें। मंदिर साफ करें, मां की मूर्ति को गंगाजल से स्नान करवाकर पीला वस्त्र अर्पित करें। रोली, चंदन, कुमकुम, इलायची, फल-फूल और मिठाई चढ़ाएं। भोग में शहद, घी का हलवा या गुड़ का पानी लगाएं। मंत्र जाप के साथ आरती करें।


Navratri 2025: शुभ मुहूर्त:

ब्रह्म मुहूर्त (04:53 AM से 05:41 AM), अभिजित मुहूर्त (12:05 PM से 12:53 PM), विजय मुहूर्त (02:29 PM से 03:17 PM), गोधूलि मुहूर्त (06:29 PM से 06:53 PM), अमृत काल (06:05 PM से 07:53 PM), निशिता मुहूर्त (12:05 AM से 12:53 AM, 29 सितंबर), सर्वार्थ सिद्धि योग (03:55 AM से 06:29 AM, 29 सितंबर), रवि योग (06:28 AM से 03:55 AM, 29 सितंबर)।


इस दिन लाल गुलाब या गुड़हल के फूल अर्पित करें, जो मां को प्रिय हैं। शहद का भोग लगाने से कृपा प्राप्त होती है। पूजा में पीला रंग अपनाएं, पीले वस्त्र पहनना शुभ है। भक्त सच्ची श्रद्धा से पूजन करें, ताकि जीवन में शुभ फल मिले।


Navratri 2025: मां कात्यायनी मंत्र

कात्यायनि महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी.

नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः.


Navratri 2025: स्तुति के लिए मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः.

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