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MP NEWS : Indore में नवरात्रि की धूम, 300 करोड़ का दुर्गा पंडाल मोह रहा सबका मन, श्रद्धालुओं को दिए जाएंगे सोने के पानी चढ़े 11000 कलश

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यह पंडाल 25 एकड़ में बनाया गया है। यहां 11 हजार कलश के साथ 10 लाख आहुतियां दी जा रही है।

MP NEWS : इंदौर। नवरात्रि की धूम इंदौर में इस बार कुछ और ही खास है। शहर में एक ऐसा दुर्गा पंडाल तैयार किया गया है, जिसे देखकर भक्त मंत्रमुग्ध रह जाएंगे। 300 करोड़ की लागत से बना यह पंडाल न सिर्फ भव्यता का प्रतीक है, बल्कि इसमें एक ही जगह 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का अद्भुत आनंद मिलेगा। पंडालों को मंदिरों जैसा ही बनाया गया है। यहां श्रद्धालुओं को 11000 सोने के पानी चढ़े हुए कलश बांटे जाएंगे। यह पंडाल 25 एकड़ में बनाया गया है। यहां 11 हजार कलश के साथ 10 लाख आहुतियां दी जा रही है।


पंडाल की डिजाइन दक्षिण भारत के मंदिरों की तर्ज पर तैयार गई है। आंध्र प्रदेश और देश के कई हिस्सों से आए 500 से ज्यादा कलाकार पिछले तीन महीने से यहां दिन-रात मेहनत करके इस पंडाल को तैयार किए हैं। इस पंडाल को देखने भारी भीड़ उमड़ रही है। इतना ही नहीं मुंबई के प्रसिद्ध दगडू सेठ, लाल बाग के राजा और इंदौर के खजराना गणेश मंदिर की तर्ज पर भी यहां प्रतिकृति पंडाल बनाए गए हैं। भक्तों को एक ही जगह पर भक्ति और आस्था का देखने को मिलेगी।


आयोजन से जुड़े लोगों के मुताबिक नवरात्रि को खास बनाने इस बार करीब 300 करोड़ से ज्यादा खर्च हुए हैं। यह पैसा किसी प्रायोजक से नहीं, बल्कि संत बसंत विजयानंद गिरी महाराज के भक्तों द्वारा दिए गए दान और चंदे से जुटाया गया है। साथ ही तांबे से बने विशेष स्वर्ण कलश भी बिक्री किए जाएंगे, जिनकी कीमत 30 हजार से 1 लाख रुपए तक होगी। इनसे मिलने वाली राशि भी आयोजन में खर्च की जाएगी।


पंडाल परिसर में रोजाना लाखों भक्तों के लिए भोजन प्रसादी की व्यवस्था भी है। बड़े पैमाने पर इस आयोजन की तैयारियां की गई हैं, तो इस बार नवरात्रि में इंदौर सिर्फ मां दुर्गा की भक्ति से नहीं, बल्कि कला, संस्कृति और भव्यता से भी जगमगा रहा है। यह आयोजन आने वाले समय में इंदौर को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन का नया केंद्र बना सकता है। इस भव्य पंडाल को देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं।


108 इलेक्ट्रिक ऑटो दान और ₹300 करोड़ के इंश्योरेंस आयोजन के दौरान पूरे नौ दिनों तक प्रतिदिन भोजन प्रसादी, बच्चों के लिए खेलकूद और संस्कार केंद्र, विशेष संत दर्शन एवं सेवा मंच के साथ हजारों स्वयंसेवकों की भागीदारी रहेगी। आचार्य वसंत विजयानंद गिरि महाराज ने आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से 108 इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा निःशुल्क देने की घोषणा की, ताकि वे सम्मानपूर्वक अपनी जीविका चला सके।

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