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स्टायपेंड की मांग को लेकर भोपाल में जूनियर डॉक्टर ने खोला मोर्चा

स्टायपेंड

प्रदेश भर के गवर्नमेंट मेडिकल कालेज में करीब तीन हजार से अधिक विद्यार्थी काम कर रहे हैं।

भोपाल। गांधी मेडिकल कालेज के इंटर्न डाक्टर अपनी मांगों को लेकर  हड़ताल पर बैठ गए। रात को  उन्होंने कैंडल मार्च निकाला। उनकी मांग है कि अन्य राज्यों की तुलना में मप्र के सरकारी अस्पतालों में इंटर्न डाक्टरों को सबसे कम स्टायपेंड मात्र 13 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जा रहा है। इसलिए उनका स्टायपेंड 13 हजार से बढ़ाकर 30 हजार रुपये प्रतिमाह किया जाए। शहर के हमीदिया अस्पताल के अलावा पूरे प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले इंटर्न डाक्टरों ने भी हड़ताल की है। यह हड़ताल स्टायपेंड बढ़ाने के लिए की जा रही है। छात्रों ने इससे पहले बुधवार को काली पट्टी बांधकर काम किया था।

गौरतलब है कि प्रदेश भर के गवर्नमेंट मेडिकल कालेज में करीब तीन हजार से अधिक विद्यार्थी काम कर रहे हैं। वहीं, हमीदिया अस्पताल में इनकी संख्या 180 से अधिक है। ये डाक्टर हमीदिया अस्पताल में माइनर न मरीजों का इलाज करते हैं। सीनियर डाक्टरों और पीजी को असिस्ट करते हैं। हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों ने बताया कि 2018 में हमारी वार्षिक फीस 50 हजार रुपये होती थी, इसे बढ़ाकर एक लाख कर दी है। जबकि हमें मासिक स्टायपेंड वही दिया जा रहा है, जो 2018 के बैच को दिया जा रहा है। इसलिए हम स्टायपेंड वृद्धि की मांग कर रहे हैं। असम जैसे छोटे राज्यों में राज्यों में भी इंटर्न छात्रों को 36,200, मेघालय में 30,000 रुपये प्रतिमाह स्टायपेंड दिया जा रहा है।

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