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पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर अमेरिका और रूस समेत वैश्विक नेताओ ने जताया शोक

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर अमेरिका और रूस ने शोक व्यक्त किया और उनकी स्मृति को सम्मानित किया। उनका योगदान भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण था।

नई दिल्ली: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और महान अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन पर देश भर में शोक की लहर है, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। अमेरिका और रूस जैसे देशों ने भी उनके योगदान को सराहा और उनकी स्मृति को सम्मानित किया।


अमेरिका ने डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान को याद किया

अमेरिका ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। अमेरिकी सरकार ने एक बयान में कहा कि डॉ. सिंह ने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को मजबूती प्रदान की। विशेष रूप से 2008 में हुआ असैन्य परमाणु समझौता उनके नेतृत्व का अहम हिस्सा था, जिसने दोनों देशों के रिश्तों को एक नई दिशा दी। बयान में कहा गया, "डॉ. सिंह अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी के सबसे महान समर्थकों में से एक थे। उन्होंने पिछले दो दशकों में भारत-अमेरिका संबंधों में जो कुछ हासिल किया, उसकी नींव रखी। डॉ. सिंह के नेतृत्व में भारत ने परमाणु सहयोग समझौते को आगे बढ़ाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया, जिसने दोनों देशों के बीच रणनीतिक और आर्थिक संबंधों को नई ऊंचाई पर पहुंचाया।" अमेरिका ने यह भी कहा कि डॉ. सिंह को उनके आर्थिक सुधारों के लिए हमेशा याद किया जाएगा, जिन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर एक नई दिशा दी। अमेरिका ने अपने बयान में यह भी कहा कि उनका योगदान हमेशा भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूत करने के रूप में याद किया जाएगा।


बराक ओबामा ने डॉ. मनमोहन सिंह को लेकर क्या कहा

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को एक सौम्य और मृदुभाषी अर्थशास्त्री बताया। ओबामा ने डॉ. सिंह की नेतृत्व क्षमता की सराहना करते हुए उन्हें भारत की अर्थव्यवस्था के आधुनिकीकरण का श्रेय दिया। ओबामा ने कहा, "उनकी सफेद दाढ़ी और पगड़ी उनके सिख धर्म की पहचान थी, लेकिन पश्चिमी दुनिया में वे एक पवित्र व्यक्ति के रूप में देखे जाते थे।" यह बयान डॉ. मनमोहन सिंह की विशेषताओं और उनके वैश्विक प्रभाव को दर्शाता है, जिनकी न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में अत्यधिक सम्मान और प्रशंसा की जाती थी।


रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने व्यक्त किया शोक

रूस के भारत में राजदूत डेनिस अलीपोव ने भी डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक भावुक संदेश में लिखा, "यह भारत और रूस दोनों के लिए शोक और दुःख का क्षण है। डॉ. मनमोहन सिंह का हमारे द्विपक्षीय संबंधों में योगदान अनमोल था। उनका सौम्य व्यक्तित्व और उनके नेतृत्व में निपुणता हमेशा प्रेरणादायक रही।" अलीपोव ने डॉ. सिंह के परिवार और भारत के लोगों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए संदेश को समाप्त किया, "ॐ शांति।"


भारत-रूस संबंधों में डॉ. सिंह का योगदान

डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में भारत और रूस के संबंधों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई। उन्होंने दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उनकी कूटनीतिक सूझ-बूझ और वैश्विक दृष्टिकोण ने भारत और रूस के रिश्तों को एक नए आयाम पर पहुँचाया। उनकी मृत्यु पर न केवल भारत, बल्कि रूस भी शोकाकुल है, और डॉ. सिंह के योगदान को सशक्त रूप से याद किया जा रहा है। उनकी सोच, उनके निर्णय और उनका नेतृत्व हमेशा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे।


अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई भी लिखा पोस्ट

अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "भारत ने अपने सबसे महान बेटों में से एक को खो दिया है। डॉ. मनमोहन सिंह अफगानिस्तान के लोगों के लिए सच्चे मित्र और स्थिर सहयोगी थे, जो कभी साथ नहीं छोड़ते थे। मैं उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता हूं और उनके परिवार, भारत की सरकार और उसके नागरिकों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट करता हूं। उनकी आत्मा को शांति मिले।"


मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद ने जताया शोक

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, "मनमोहन सिंह के निधन की खबर सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। उनके साथ काम करना हमेशा सुखद अनुभव रहा, और वे मेरे लिए एक दयालु पिता समान थे। वे मालदीव के सच्चे मित्र थे।" उन्होंने आगे कहा, "डॉ. मनमोहन सिंह ने अमेरिका-भारत संबंधों को न केवल प्रगति की दिशा में आगे बढ़ाया, बल्कि दोनों लोकतंत्रों को रणनीतिक, आर्थिक और तकनीकी दृष्टिकोण से एकजुट करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विशेष रूप से, सिविलियन न्यूक्लियर एनर्जी सहयोग पर हुआ परिवर्तनकारी समझौता, जिसमें डॉ. सिंह के नेतृत्व ने अहम भूमिका निभाई, उन्हें आधुनिक द्विपक्षीय संबंधों के निर्माता के रूप में प्रतिष्ठित करता है।"


कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने क्या कुछ कहा

कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, "मुझे अपने पूर्व सहयोगी, प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ है। वे एक शानदार दिमाग, ईमानदारी और ज्ञान से परिपूर्ण व्यक्ति थे। लॉरेन और मैं उनके परिवार और दोस्तों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं।"


डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान और निधन

डॉ. मनमोहन सिंह भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व थे। 1991 में उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण में अहम भूमिका निभाई, जिससे भारत की आर्थिक प्रगति को एक नई दिशा मिली। उन्होंने 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में सेवा दी और देश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में भारत ने कई ऐतिहासिक निर्णय लिए, जिनमें भारत-अमेरिका परमाणु समझौता प्रमुख है, जो दोनों देशों के रिश्तों में एक मील का पत्थर साबित हुआ। डॉ. सिंह के निधन से न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर में शोक की लहर है।

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