Shardiya Navratri 2024 : नवरात्रि में कलश स्थापना के साथ जौ या जवारे क्यों बोए जाते हैं, जाानें इसकी विधि व महत्व...

Shardiya Navratri 2024 : डेस्क न्यूज। हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है, जो मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की उपासना का पर्व है। नवरात्रि के दिनों में घर में अखंड ज्योति जलाई जाती है। ऐसा कहा जाता है कि नवरात्रि में पूजा के सभी नियमों का अत्यधिक ध्यान रखना पड़ता है अन्यथा माना रानी नाराज हो सकती है। नवरात्रि में कलश स्थापना और जौ का भी अधिक महत्व होता है। नवरात्रि के पहले ही दिन कलश स्थापना के साथ ही जौ बोए जाते हैं। इसे बहुत शुभ माना जाता है। इसके बिना मां अंबे की आराधना अधूरी रह जाती है। जौ बोने की परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है। इसी कड़ी में आइए जानते हैं कि नवरात्रि में आखिर जौ क्यों बोए जाते हैं?
Shardiya Navratri 2024 : जौ बोने का धार्मिक महत्व-
शास्त्रों के अनुसार, सृष्टि की शुरुआत के बाद पहली फसल जौ मानी गई थी। इसीलिए, नवरात्रि के दौरान जौ या जवारे उगाना शुभ माना जाता है। यह नए जीवन, उन्नति, और परिवार की समृद्धि का प्रतीक है। नौ दिनों में ये जौ हरे-भरे हो जाते हैं, जिससे परिवार के सुख और समृद्धि की ओर संकेत मिलता है। इसके साथ ही, ये फसल अच्छी किस्मत और सौभाग्य का प्रतीक भी माने जाते हैं।
Shardiya Navratri 2024 : जवारे या जौ बोने की सरल विधि-
जौ उगाने के लिए मिट्टी का एक साफ बर्तन लें। बर्तन को पानी से धो लें। बर्तन में कुमकुम से स्वस्तिक बनाएं। इसके बाद मिट्टी और गोबर की सूखी खाद बर्तन में डालें। फिर पानी का छिड़काव करें। मिट्टी को थोड़ा सा गीला होने दें। बर्तन की क्षमता के हिसाब से जौ डालें। फिर इसे हाथों से फैलाएं।