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टामन का साला ही निकला सरगना: मंत्रालय के फर्जी ई-मेल बनाकर कर दिया खेला आधा दर्जन अरेस्ट

टामन का साला ही निकला सरगना

रायपुर। टामन का साला ही निकला सरगना : CGPSC घोटाले का सरगना निकला टामन सिंह सोनवानी का साला ? अब आप सोच रहे होंगे कि सोनवानी के साले ने आखिर ऐसा क्या कर डाला ? तो जनाब देवेन्द्र जोशी नाम का ये शख्स ही मंत्रालय का फर्जी ई -मेल बनाकर खेल कर गया। इसी मेल से सभी युवाओं को फर्जी ज्वाइनिंग लेटर जारी किया गया था। इसी CGPSC फर्जीवाड़े के मामले में पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी जेल में बंद है। 60 युवाओं से पांच करोड़ की इस ठगी के छह आरोपियों को अरेस्ट किया गया है।


टामन का साला ही निकला सरगना : कौन -कौन फंसा शिकंजे में

आरोपी मंत्रालय की फर्जी ईमेल आईडी से फर्जी नियुक्ति पत्र ई -मेल पर भेजते थे। अपने वाहन में छग शासन की नाम पट्टिका का उपयोग कर पीड़ितों को चकमा देते थे। सिविल लाइन पुलिस ने अब तक देवेंद्र कुमार जोशी, उसकी पत्नी झगीता जोशी, स्वप्निल दुबे, नफीज आलम, हलधर बेहरा, सोमेश दुबे को अरेस्ट किया है। मामले में फरार दूसरे आरोपियों की तलाश जारी है ।


ठगी की रकम को क्या किया

फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है। ठगी की रकम से जमीन, सोना, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और फ्लैट खरीदे। क्रिप्टो करेंसी में भी निवेश किया गया। आरोपितों ने जो भूमि खरीदी है उसके व्ययन (खर्च करना) पर रोक के लिए पत्र लिखा गया है। आरोपियों के बैंक खातों से 15 लाख रुपये होल्ड कराए गए हैं। अरेस्ट हुए आरोपियों के कब्जे से तीन मोबाइल, चार सोने के सिक्के, एक सोने का हार, एक बिंदिया, दो ऐसी, एक फ्रीज, दो पंखा, एक स्कार्पियो वाहन सहित अन्य करीब 50 लाख रुपये का सामान जब्त किया गया है।


कैसे मामले का हुआ भंडाफोड़

29 जनवरी को पीडिता अंजना गहिरवार ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि फरवरी 2021 को वह अपने परिवार के साथ मौसा-मौसी देवेंद्र जोशी व झगीता जोशी के घर गई थी। अंजना ने नौकरी करने की इच्छा जताई। देवेंद्र और झगीता ने बड़े अधिकारी से जान पहचान होने की बात बताई . इसके बाद उसने नौकरी लगवाने के नाम पर पीडिता के साथ-साथ गजेंद्र लहरे, कुणाल देव, भुनेश्वर सोनवानी सहित अन्य से 25-25 लाख रुपये लिए। इसके बाद जब नौकरी नहीं लगी तो पीडिता रिपोर्ट दर्ज करवाई गई।


कैसे युवाओं को ठगा

देवेंद्र जोशी ने पूछताछ के दौरान अपने साथी स्वप्निल दुबे को इंद्रावती भवन भेजकर प्रार्थी और अन्य लोगों के सत्यापन के लिए कार्यवाही कराना भी क़ुबूल किया था। इसी के आधार पर स्वप्निल को भी पकड़ा गया। वह वैगन रिपेयर शॉप, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे रायपुर में तकनीशियन-I के पद पर कार्यरत है।


जुर्म का कर लिया इकबाल

पूछताछ में उसने अपने साथी सोमेश दुबे, नफीज आलम और विकास शर्मा (जिसकी वर्तमान में सड़क हादसे में मौत हो गई) के साथ चैनल बनाकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लगभग 60 बेरोजगारों से अब तक पांच करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करना स्वीकार किया।

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