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CG News : छत्तीसगढ़ के राजशेखर पैरी की अंतरिक्ष उड़ान: अमेरिका की स्पेस कंपनी ने पहले मिशन के लिए किया चयन

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राजशेखर, स्पेस टेक्नोलॉजी कंपनी ऑर्बिटालॉकर में प्रोजेक्ट मैनेजर (इंजीनियरिंग) के रूप में कार्यरत हैं।

CG News : रायपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के छोटे से कस्बे पेंड्रा के राजशेखर पैरी ने अंतरिक्ष की दुनिया में भारत का नाम रोशन करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। 30 वर्षीय राजशेखर को अमेरिका की निजी एयरोस्पेस कंपनी टाइटन स्पेस इंडस्ट्रीज (TSI) ने अपने पहले मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए चुना है। यह उपलब्धि न केवल राजशेखर के लिए, बल्कि छत्तीसगढ़ और पूरे भारत के लिए गर्व का क्षण है। वर्तमान में यूके में रहकर एयरोस्पेस और मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे राजशेखर, स्पेस टेक्नोलॉजी कंपनी ऑर्बिटालॉकर में प्रोजेक्ट मैनेजर (इंजीनियरिंग) के रूप में कार्यरत हैं।


कठिन प्रशिक्षण से मिली मंजिल-

राजशेखर का चयन टाइटन स्पेस इंडस्ट्रीज के मिशन के लिए आसान नहीं था। उन्हें कठोर प्रशिक्षण प्रक्रिया से गुजरना पड़ा, जिसमें नकली चंद्र मिशन, एनालॉग स्पेस आवासों में रहकर विभिन्न परिस्थितियों का सामना करना और अंतरिक्ष यात्रियों के लिए निर्धारित मापदंडों को पूरा करना शामिल था। इस दौरान उन्होंने कम्प्यूटेशनल फ्लूइड डायनेमिक्स में इंटर्नशिप और एयरोस्पेस प्रणोदन में विशेषज्ञता हासिल की, जिसने उनकी तकनीकी क्षमता को और मजबूत किया। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें इस ऐतिहासिक मिशन का हिस्सा बनाया, जो 2029 में लॉन्च होने की उम्मीद है।


मिशन में निभाएंगे अहम भूमिक-

टाइटन स्पेस इंडस्ट्रीज के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन में राजशेखर को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें अंतरिक्ष यान प्रणालियों, मिशन सिमुलेशन, जीरो-ग्रैविटी उड़ानें, आपातकालीन प्रक्रियाएं, और वैज्ञानिक अनुसंधान शामिल होंगे। मिशन के दौरान वे पृथ्वी की कक्षा से आगे बढ़कर महत्वपूर्ण प्रयोगों और अनुसंधानों में हिस्सा लेंगे। यह मिशन, जिसका नेतृत्व नासा के अनुभवी अंतरिक्ष यात्री विलियम मैकआर्थर जूनियर करेंगे, मल्टीपल अर्थ ऑर्बिट्स और माइक्रोग्रैविटी में अनुसंधान के लिए एक नया मंच प्रदान करेगा।


राजशेखर का प्रेरणादायक सफर-

राजशेखर का जन्म बिलासपुर में हुआ और उनकी प्रारंभिक शिक्षा पेंड्रा रोड के ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल में हुई। कक्षा 11वीं और 12वीं की पढ़ाई के लिए वे हैदराबाद गए, जहां से उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (रक्षा मंत्रालय) में कार्य किया और फिर उच्च शिक्षा के लिए यूके चले गए, जहां उन्होंने एयरोस्पेस प्रणोदन में विशेषज्ञता प्राप्त की। उनकी यह यात्रा छोटे शहरों के युवाओं के लिए एक मिसाल है कि सही दिशा और कठिन परिश्रम से कोई भी अपने सपनों को हकीकत में बदल सकता है।

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