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OTT Fraud Exposed: नोएडा में OTT ठगी का पर्दाफाश: 25 साल की BA पास कनिष्का बनी गैंग की मास्टरमाइंड, विदेशी भारतीयों से करोड़ों की लूट

OTT Fraud Exposed

OTT Fraud Exposed: नोएडा। साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों के बीच नोएडा पुलिस ने OTT सब्सक्रिप्शन के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का बड़ा खुलासा किया है। इस गैंग की मास्टरमाइंड कोई हाई-टेक अपराधी नहीं, बल्कि BA पास 25 वर्षीय युवती कनिष्का निकली, जिसने अपने तकनीकी ज्ञान और अंग्रेजी बोलने में दक्ष टीम की मदद से विदेश में रहने वाले भारतीयों को जमकर चूना लगाया। पुलिस ने इस मामले में कनिष्का सहित कुल 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और इनके पास से लैपटॉप समेत कई उपकरण बरामद किए हैं।


OTT Fraud Exposed: दो साल में करोड़ों की धोखाधड़ी का पर्दाफाश


नोएडा फेस-1 थाना पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त जांच में यह बात सामने आई कि गैंग पिछले दो वर्षों में करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी कर चुका है। गिरोह आरोपियों ने विदेशी भारतीयों को नेटफ्लिक्स, प्राइम वीडियो और अमेज़ॉन जैसे OTT प्लेटफॉर्म के सस्ते प्लान देने का झांसा देकर 100 से 300 डॉलर (लगभग 9,000 से 27,000 रुपये) तक वसूले। अक्सर ये सब्सक्रिप्शन 24 महीने का दिखाया जाता था, जबकि सिर्फ 4 महीने बाद ही उसे बंद कर दिया जाता था।


OTT Fraud Exposed: कैसे बनी BA पास कनिष्का ठगी की मास्टरमाइंड?


कनिष्का ने कोविड काल में इग्नू से BA पास किया था। इसके बाद उसने कई IT कंपनियों में काम किया, जहां उसकी मुलाकात B.Tech पास अनिल बघेल से हुई। दोनों की दोस्ती गहरी हुई और उन्होंने OTT सिस्टम की तकनीकी कमजोरियों को समझकर इसका गलत इस्तेमाल करने का फैसला किया। दोनों ने मिलकर ‘WEBBIZ SERVICES LLC’ नाम की फर्जी कंपनी बनाई और नोएडा सेक्टर-2 में एक आलीशान ऑफिस किराए पर लिया। यहां उन्होंने अंग्रेजी में माहिर युवाओं को नौकरी पर रखकर कॉल सेंटर के माध्यम से ठगी का नेटवर्क तैयार किया।


OTT Fraud Exposed: कॉल सेंटर से चलता था ठगी का पूरा खेल


कॉल सेंटर में कर्मचारी विदेश में रह रहे भारतीयों को फोन कर सस्ते सब्सक्रिप्शन ऑफर करते थे। सब्सक्रिप्शन खत्म होने पर ग्राहक जब शिकायत करते, तो उन्हें ‘पेड कंटेंट’ देखने का मुद्दा बताकर टाल दिया जाता था। फिर दोबारा नए प्लान लेने के लिए ग्राहक को मनाने का खेल शुरू हो जाता था।


OTT Fraud Exposed: 6 बैंक अकाउंट सीज


साइबर प्रभारी हरवीर सिंह के अनुसार, गैंग का ऑफिस करीब डेढ़ लाख रुपये महीना किराए पर था और तीन लाख रुपये सैलरी में खर्च होते थे। इन सब खर्चों का प्रबंधन कनिष्का देखती थी। पुलिस की जांच में करोड़ों के लेनदेन वाले 6 बैंक खातों का पता चला, जिन्हें तुरंत फ्रीज कर दिया गया है।


OTT Fraud Exposed: गैंग के सदस्यों की भूमिकाएँ


अनिल बघेल (28) – तकनीकी हैकर, सर्वर बदलकर OTT अनलॉक करता था

मनीष त्रिपाठी (32) – डेटा मैनेजर, NRI डेटा इकट्ठा करती थी

गौरव बघेल (23) – ऑपरेशन हेड, सब्सक्रिप्शन मॉनिटरिंग

राधा बल्लभ (30) – सॉफ्टवेयर ऑपरेटर, फर्जी OTT ऐप और पैनल बनाता

योगेश बघेल (20) – सोशल मीडिया मार्केटर, नए ग्राहकों को फंसाता

कनिष्का (25) – मास्टरमाइंड, पूरी ठगी रकम का प्रबंधन करती थी


नोएडा पुलिस अब ट्रांजैक्शन हिस्ट्री की जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि गैंग का नेटवर्क और भी बड़ा हो सकता है और आने वाले दिनों में और खुलासे संभव हैं।

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