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Indian Stocks markets: अमेरिका से कल आने वाली है सुनामी, ग्लोबल मार्केट में दिखेगी उथल-पुथल, जानें भारतीय बाजार का हाल

Indian Stocks markets

Indian Stocks markets: नई दिल्ली/मुंबई। भारतीय शेयर बाजार में चालू सप्ताह के पहले दो दिन सोमवार और मंगलवार को जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है। गिरावट की बड़ी वजह के पीछे 10 दिसंबर को अमेरिकी फेड (US Fed) के ब्याज दर पर आने वाला फैसला है। इस बात की काफी ज्यादा उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व ब्याज दर में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है।


Indian Stocks markets: इसके असर से बुधवार को भारतीय घरेलू शेयर बाजार के साथ एशियाई और ग्लोबल मार्केट में उथल.पुथल देखने को मिल सकती है।खुदरा निवेशक किसी भी निगेटिव सरप्राइस के प्रभाव से बचने के लिए बिकवाली की होड़ में दिखाई दे रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यूएस फेड द्वारा दर में कटौती न करने की स्थिति में, डॉलर मजबूत हो सकता है, जिससे भारतीय शेयर बाजार पर और दबाव पड़ेगा।



Indian Stocks markets: आज मंगलवार को सेंसेक्स-निफ्टी गिरावट के साथ बंद हुए। निफ्टी बैंक, मिडकैप इंडेक्स नीचे से सुधरकर बंद हुए। IT,ऑटो, फार्मा शेयरों में दबाव रहा। मेटल, तेल-गैस इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुए। रुपया 19 पैसे मजबूत होकर 89.88/$ पर बंद हुआ। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 436.41 अंक यानी 0.51 फीसदी की गिरावट के साथ 84,666.28 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 120.90 अंक यानी 0.47 फीसदी की गिरावट के साथ 25,839.65 के स्तर पर बंद हुआ।


Indian Stocks markets: रुपये में गिरावट का असर बाजार पर

भारतीय रुपया अपने रिकॉर्ड निचले स्तर के पास मंडरा रहा है। कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और विदेशी पूंजी के लगातार आउटफ्लो के कारण घरेलू मुद्रा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 90.15 तक गिर गई। इससे मार्केट सेंटीमेंट को झटका लगा है। इस साल रुपये की कमजोरी ने इन्वेस्टर्स और एक्सपर्ट्स को हैरान कर दिया है, क्योंकि भारत की मजबूत जीडीपी ग्रोथ और रिकॉर्ड निचले स्तर पर महंगाई रहने के बावजूद रुपया, डॉलर के मुकाबले नए निचले स्तर को छू रहा है। भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में देरी और भारतीय शेयर बाजार से लगातार विदेशी पूंजी के आउटफ्लो के कारण भारतीय रुपया गिर रहा है।



Indian Stocks markets: भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर

अनिश्चिता भी बड़ा फैक्टर भारत और अमेरिका की ओर से एक संभावित समझौते के बारे में सकारात्मक संकेत मिले हैं, लेकिन सौदे के समय और अंतिम स्वरूप के बारे में अभी भी स्पष्टता की कमी है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारी इस सप्ताह व्यापार समझौते पर बातचीत जारी रखने के लिए भारत का दौरा करेंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में एक कार्यक्रम में संकेत दिया कि अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को जल्द ही अंतिम रूप दिया जा सकता है, लेकिन जोर देकर कहा कि श्रमिकों, किसानों और मध्यम वर्ग के हित सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बने हुए हैं।

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