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CG News : आंगनबाड़ी सामग्री घोटाला, 6 सप्लाई एजेंसियां ब्लैक लिस्टेड, 23.44 करोड़ की खरीद में घटिया सामान की आपूर्ति का खुलासा

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यह कार्रवाई रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जशपुर, सरगुजा और जांजगीर-चांपा जिलों में की गई जांच के बाद की गई, जहां गुणवत्ता हीन सामग्री की आपूर्ति का मामला सामने आया था।

CG News : रायपुर। छत्तीसगढ़ के आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों और महिलाओं के लिए सप्लाई की गई घटिया सामग्री के मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग ने कड़ा कदम उठाया है। राज्य स्तरीय जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर छह सप्लाई एजेंसियों को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। इन एजेंसियों को भविष्य में किसी भी शासकीय सामग्री की आपूर्ति से वंचित कर दिया गया है। यह कार्रवाई रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जशपुर, सरगुजा और जांजगीर-चांपा जिलों में की गई जांच के बाद की गई, जहां गुणवत्ता हीन सामग्री की आपूर्ति का मामला सामने आया था।


जांच समिति का गठन और निरीक्षण-

महिला एवं बाल विकास विभाग ने आंगनबाड़ी केंद्रों में सामग्री की गुणवत्ता पर उठे सवालों के बाद एक राज्य स्तरीय जांच समिति का गठन किया था। इस समिति में संयुक्त संचालक (वित्त), सीएसआईडीसी और जीईसी रायपुर के तकनीकी प्रतिनिधि, संबंधित जिलों के जिला कार्यक्रम अधिकारी, सहायक संचालक (आईसीडीएस) और दो तकनीकी निरीक्षण एजेंसियों SGS इंडिया और IRCLASS सिस्टम्स के विशेषज्ञ शामिल थे। समिति ने रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जशपुर, सरगुजा और जांजगीर-चांपा जिलों में जाकर सप्लाई की गई सामग्रियों का भौतिक परीक्षण किया और अपनी विस्तृत रिपोर्ट संचालनालय को सौंपी।


छह एजेंसियां ब्लैक लिस्टेड-

जांच रिपोर्ट के आधार पर विभाग ने छह सप्लाई एजेंसियोंकृमेसर्स नमो इंटरप्राइजेस, मेसर्स आयुष मेटल, मेसर्स अर्बन सप्लायर्स, मेसर्स मनीधारी सेल्स, मेसर्स ओरिएंटल सेल्स और मेसर्स सोनचिरिया कॉर्पाेरेशनकृको जेम पोर्टल से ब्लैक लिस्ट कर दिया है। इन एजेंसियों को अब किसी भी शासकीय आपूर्ति में भाग लेने की अनुमति नहीं होगी। विभाग ने इनसे घटिया सामग्री वापस मंगवाकर मानकों के अनुरूप नई सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित की है।


23.44 करोड़ की खरीद में अनियमितता-

महिला एवं बाल विकास विभाग ने वर्ष 2024-25 में जेम पोर्टल के माध्यम से 23.44 करोड़ रुपये की सामग्री खरीदी थी। इस खरीद में बच्चों और महिलाओं के लिए आवश्यक सामग्रियों जैसे पोषण आहार, बर्तन और अन्य उपयोगी वस्तुओं की आपूर्ति शामिल थी। जांच में पाया गया कि कई सप्लायर्स ने गुणवत्ता मानकों को अनदेखा करते हुए घटिया सामग्री की आपूर्ति की, जिससे आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता था।

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