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राजधानी में भीख मांगना और देना दोनों जुर्म, सीसीटीवी से मॉनिटरिंग करेगा जिला प्रशासन, एफआईआर के आदेश जारी

कलेक्टर कोशलेंद्र विक्रम सिंह ने भिक्षावृत्ति पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए आदेश जारी किए हैं, जिसके तहत भीख मांगना और देना अब अपराध होगा और दोषियों पर एफआईआर दर्ज की जाएगी।

भोपाल। राजधानी भोपाल को भिखारी मुक्त करने कलेक्टर कोशलेंद्र विक्रम सिंह ने सम्पूर्ण जिले में भिक्षावृत्ति को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करने का आदेश जारी कर दिया है। आदेश के तहत भीख मांगना, देना अपराध की श्रेणी में आएगा। ऐसा करने वालों पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। दोनों की पहचान चौराहे पर लगे सीसीटीवी कैमरों से की जाएगी। बता दें की 25 जनवरी को इंदौर के बाद भोपाल में भी एक भिखारी पर मामला दर्ज हो चुका है।


जानकारी अनुसार भोपाल जिला प्रशासन ने हालही में शहरभर में भिक्षावृत्ति की रोकथाम के लिए एक सर्वे किया था। इसमें इनकी संख्या 265 सामने आई थी। अधिकारियों का कहना है कि अधिकतर भिखारियों की खुद की झुग्गियां और मकान हैं, लेकिन फिर भी वह सड़कों पर भीख मांगते रहते हैं। अब राजधानी में चिह्नित किए गए 265 भिखारी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, कोलार स्थित आश्रय स्थल में रखा जाएगा। इसे भिक्षुक गृह के रूप में संचालित किया जाएगा।





 दरअसल कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि जब तक भिक्षुक गृह के लिए भवन की व्यवस्था नहीं हो जाती है, तब तक इन्हें किसी एक जगह पर रखा जाए। उन्होंने नगर निगम आयुक्त हरेंद्र नारायण को इन्हें रखने के लिए जगह चिह्नित करने के निर्देश दिए थे। साथ ही कलेक्टर ने खाने-पीने आदि का इंतजाम करने को भी कहा था। इसके बाद निगम आयुक्त ने कोलार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्थित आश्रय स्थल को इनके लिए चिह्नित किया

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