Premanand Maharaj AI Video : प्रेमानंद महाराज हुए AI के शिकार, फर्जी वीडियो से मचा हड़कंप, आश्रम ने जारी की चेतावनी...

- Rohit banchhor
- 07 Apr, 2025
इस गंभीर मामले को लेकर श्री हित राधा केलि कुंज आश्रम ने एक एडवाइजरी जारी कर लोगों को सावधान रहने की अपील की है।
Premanand Maharaj AI Video : वृंदावन। इंटरनेट की दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का दुरुपयोग अब आम लोगों से लेकर संतों तक को अपनी चपेट में ले रहा है। ताजा मामला वृंदावन धाम के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज से जुड़ा है, जो AI की शरारत का शिकार हो गए हैं। शरारती तत्वों ने उनकी आवाज की नकल कर फर्जी वीडियो बनाए हैं, जिससे सोशल मीडिया पर भ्रम और हड़कंप मच गया है। इस गंभीर मामले को लेकर श्री हित राधा केलि कुंज आश्रम ने एक एडवाइजरी जारी कर लोगों को सावधान रहने की अपील की है।
Premanand Maharaj AI Video : AI की शरारत: संत की आवाज से छेड़छाड़-
जानकारी के मुताबिक, कुछ अराजक तत्वों ने AI तकनीक का इस्तेमाल कर प्रेमानंद महाराज की आवाज को कॉपी किया और उसमें मनमाने शब्द जोड़कर वीडियो तैयार किए। इन वीडियो में महाराज को अलग-अलग भाषाओं में बोलते हुए या ऐसे बयान देते दिखाया जा रहा है, जो उन्होंने कभी कहे ही नहीं। ये फर्जी वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिससे उनके भक्तों और अनुयायियों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। कुछ वीडियो में तो प्रचार-प्रसार के लिए भी उनकी आवाज का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।
Premanand Maharaj AI Video : आश्रम का सख्त कदम-
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए प्रेमानंद महाराज के आश्रम प्रबंधन ने तुरंत कदम उठाया। श्री हित राधा केलि कुंज परिकर की ओर से एक आधिकारिक एडवाइजरी जारी की गई, जिसमें ऐसे वीडियो बनाने और फैलाने वालों को चेतावनी दी गई है। आश्रम ने इसे मर्यादा और कानून के खिलाफ बताया है। साथ ही भक्तों और आम लोगों से अपील की गई है कि वे ऐसे किसी भी फर्जी वीडियो का समर्थन न करें और न ही उसे आगे शेयर करें। आश्रम ने कहा, "यह संत की गरिमा और भक्तों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है।"
Premanand Maharaj AI Video : तकनीक का बढ़ता खतरा-
AI के इस दुरुपयोग ने एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं कि आधुनिक तकनीक किस तरह लोगों की जिंदगी में उथल-पुथल मचा सकती है। फोटो-वीडियो में चेहरा बदलने से लेकर आवाज की नकल तक, शरारती तत्व इसे हथियार बना रहे हैं। प्रेमानंद महाराज जैसे सम्मानित संत का भी इससे अछूता न रहना चिंता का विषय बन गया है। इस घटना ने तकनीक के गलत इस्तेमाल पर रोक लगाने की जरूरत को फिर से रेखांकित किया है।