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Mata Dhumavati Peeth : चिट्ठी वाली माता धूमावती पीठ को चढ़ाते है प्याज और मिर्ची भजिया का भोग, अनोखी परंपरा और अद्भुत आस्था के लिए प्रसिद्ध...

Mata Dhumavati Peeth

मंदिर का इतिहास 1962 के भारत-चीन युद्ध से जुड़ा है।

Mata Dhumavati Peeth : बिलासपुर। जिले के चिंगराजपारा में स्थित श्री माई धूमावती पीताम्बरा पीठ देशभर में अपनी अनूठी परंपरा और भक्तों की गहरी आस्था के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर में विराजमान देवी धूमावती को भक्तगण एक अनोखे तरीके से प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। यहां प्याज भजिया और मिर्ची भजिया का भोग चढ़ाया जाता है, जो आमतौर पर देवी मंदिरों में देखा नहीं जाता। इसके अलावा, अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भक्त देवी को चिट्ठी लिखकर अर्जी भी लगाते हैं। इसलिए माता को यहाँ चिट्ठी वाली देवी के नाम से जाना जाता है।


Mata Dhumavati Peeth : मंदिर का इतिहास और देवी धूमावती की स्थापना-
मंदिर का इतिहास 1962 के भारत-चीन युद्ध से जुड़ा है। जब देश गंभीर संकट में था, तब मध्यप्रदेश के दतिया में महागुरु के आदेश पर देवी धूमावती की स्थापना की गई। कहा जाता है कि तीन दिनों के अनुष्ठान के बाद युद्ध में चीन को हार का सामना करना पड़ा। इस घटना के बाद देवी धूमावती के प्रताप की चर्चा पूरे देश में फैल गई, और 2005 में बिलासपुर के चिंगराजपारा में देवी का मंदिर स्थापित किया गया।


Mata Dhumavati Peeth  : देवी को प्रसन्न करने की अनोखी विधि-
इस मंदिर में देवी को प्याज और मिर्ची भजिया, दही बड़ा, जलेबी, पुड़ी और हलवे का भोग लगाया जाता है। मंदिर के पुजारी देवानंद गुरु के अनुसार, देवी को प्याज, लहसुन और अदरक से बने व्यंजन अत्यधिक प्रिय हैं। भक्तगण इन्हीं पकवानों का भोग चढ़ाते हैं और इसके बाद अपनी मनोकामना चिट्ठी में लिखकर मंदिर में जमा करते हैं। इन चिट्ठियों को पुजारी या सेवादार पढ़कर देवी को सुनाते हैं, जिसके बाद देवी भक्तों की इच्छाएं पूरी करती हैं। बाद में इन चिट्ठियों को अमरकंटक के नर्मदा नदी में विसर्जित किया जाता है।


Mata Dhumavati Peeth : मनोकामना पूरी होने की मान्यता-
श्रद्धालुओं का मानना है कि माता धूमावती सच्चे मन से आने वाले भक्तों की हर मुराद पूरी करती हैं। इस मंदिर के बारे में प्रसिद्ध है कि देवी यहां आने वाले भक्तों के कष्ट मात्र तीन दिनों में दूर कर देती हैं। भक्तों ने यहां पर आकर भजिया का प्रसाद चढ़ाया और कुछ समय बाद अपनी इच्छाओं की पूर्ति होते देखी। यही कारण है कि नवरात्रि के दौरान और विशेष रूप से शनिवार को मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है।


Mata Dhumavati Peeth : श्रद्धालुओं का अनुभव-
आर चंद्रा और अन्नू नामक श्रद्धालुओं ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे देवी के प्रताप के बारे में सुनकर मंदिर पहुंचे थे। अपनी मन्नत पूरी होने के बाद से वे नियमित रूप से यहां आकर माता धूमावती को भजिया का प्रसाद चढ़ाते हैं। मंदिर में स्थानीय निवासियों के अलावा दूर-दराज से भी श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आते हैं।


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