Breaking News
:

पूर्व मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट, मचा बवाल, सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग का उठाया मामला

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर कलेक्टर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के कार्यक्रम में सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग का आरोप लगाया।

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने रायपुर जिला कलेक्टर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के कार्यक्रम में सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग का गंभीर आरोप लगाया है। बघेल ने कलेक्टर की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया पर तीखी टिप्पणी की और आदेश को तत्काल रद्द करने की मांग की।


सोशल मीडिया पर किया कटाक्ष

भूपेश बघेल ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "अगर कलेक्टर ने भी आरएसएस की सदस्यता ले ली है, तो उन्हें सुबह की शाखा में शामिल होना चाहिए।" उन्होंने कलेक्टर द्वारा आरएसएस प्रमुख के लिए डॉक्टरों और अन्य अधिकारियों की ड्यूटी लगाने वाले आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह प्रशासनिक संसाधनों का दुरुपयोग है।


आरएसएस की स्थिति पर उठाए सवाल

बघेल ने कहा कि मोहन भागवत किसी संवैधानिक पद पर नहीं हैं और आरएसएस न तो पंजीकृत संगठन है और न ही इसे कोई आधिकारिक मान्यता प्राप्त है। उन्होंने आरोप लगाया, "फिर भी, बीजेपी नेता उनके नाम का जिक्र करने से डरते हैं। कलेक्टर को किस आधार पर इस कार्यक्रम के लिए आदेश जारी करने का अधिकार है? सरकारी डॉक्टरों और कर्मचारियों को उनके कार्यक्रम में क्यों तैनात किया जा रहा है?"


आदेश को रद्द करने की मांग

बघेल ने आदेश की एक प्रति साझा करते हुए इसे तुरंत रद्द करने की मांग की। आदेश के अनुसार, मोहन भागवत के दौरे के दौरान रायपुर स्थित आरएसएस कार्यालय में चिकित्सा कर्मचारियों की तैनाती का प्रावधान किया गया था। बघेल ने इसे स्पष्ट रूप से शक्ति का दुरुपयोग बताते हुए कहा, "अधिकारियों को अपने आधिकारिक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि राजनीतिक दबाव में काम करना चाहिए।"


छत्तीसगढ़ के दौरे पर है भागवत

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत इन दिनों छत्तीसगढ़ के पांच दिवसीय दौरे पर हैं, जो 27 अगस्त से 31 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरे ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। बघेल ने बीजेपी पर आरएसएस के लिए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।


बीजेपी की प्रतिक्रिया

हालांकि, बीजेपी ने अब तक बघेल के आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। पार्टी के नेता पहले भी आरएसएस को एक राष्ट्रवादी संगठन बताते रहे हैं, जो समाज की बेहतरी के लिए काम करता है। यह विवाद राज्य की राजनीति में आरएसएस की भूमिका और प्रशासनिक निष्पक्षता को लेकर नई बहस छेड़ रहा है।
 

Popular post

Live News

Latest post

You may also like

Subscribe Here

Enter your email address to subscribe to this website and receive notifications of new posts by email.

Join Us