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CG News : हाईकोर्ट ने शराबी और अय्याश पति को मानसिक क्रूरता का दोषी ठहराया, पत्नी को तलाक की मंजूरी

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ऐसे मामलों में पीड़ित पत्नियों के लिए एक मिसाल भी कायम करता है।

CG News : बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक चर्चित मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए शराबी, गैरजिम्मेदार और अय्याश पति के व्यवहार को पत्नी के प्रति मानसिक क्रूरता करार दिया है। कोर्ट ने 29 साल पुराने विवाह को भंग करते हुए पत्नी को तलाक की मंजूरी दी है। बता दें कि जांजगीर-चांपा जिले की रहने वाली याचिकाकर्ता की शादी 7 जून 1991 को हुई थी। शादी के बाद पति ने उसकी पढ़ाई जारी रखने का विरोध किया और गाली-गलौज करना शुरू कर दिया। शादी के बाद तीन बच्चों का जन्म हुआ, लेकिन पति की शराब की लत, बेरोजगारी और अय्याशी ने पारिवारिक जीवन को नर्क बना दिया।


CG News : पत्नी ने 29 साल तक संघर्ष किया, लेकिन जब कोई सुधार नहीं हुआ, तो वह बच्चों को लेकर पति से अलग हो गई और तलाक के लिए परिवार न्यायालय में आवेदन किया। परिवार न्यायालय ने आवेदन खारिज कर दिया, जिसके बाद पत्नी ने हाईकोर्ट में अपील की। जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस एन के व्यास की डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई की। पत्नी ने आरोप लगाया कि पति शराब के नशे में मारपीट और गाली-गलौज करता है, काम नहीं करता और गांव की अन्य महिलाओं के साथ अवैध संबंध रखता है। पति ने इन आरोपों का कोई खंडन नहीं किया।


CG News : कोर्ट ने कहा कि अगर पति अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं करता और शराब की लत में डूबा रहता है, तो यह पत्नी के प्रति मानसिक क्रूरता है। पति के गैरजिम्मेदार और अय्याश व्यवहार से पूरे परिवार को सामाजिक बदनामी का सामना करना पड़ रहा है। कोर्ट ने कहा कि परिवार न्यायालय ने इन तथ्यों पर विचार नहीं किया। हाईकोर्ट ने परिवार न्यायालय के आदेश को निरस्त करते हुए दोनों पक्षों के बीच 7 जून 1991 को हुए विवाह को भंग कर दिया। कोर्ट ने कहा कि पत्नी तलाक की डिक्री पाने की हकदार है। यह फैसला न केवल याचिकाकर्ता के लिए न्याय सुनिश्चित करता है, बल्कि ऐसे मामलों में पीड़ित पत्नियों के लिए एक मिसाल भी कायम करता है।

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