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CG News: कोयला घोटाला केस में EOW ने सौम्या चौरसिया के निज सचिव को किया गिरफ्तार, स्पेशल कोर्ट में किया पेश
- Rohit banchhor
- 22 Sep, 2025
कोर्ट से ईओडब्ल्यू जयचंद को 14 दिन के पुलिस रिमांड में लेने का प्रयास कर रही है।
CG News: रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला घोटाला मामले में आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने कार्रवाई तेज कर दी है। रविवार को कई जगहों पर छापेमारी के बाद सोमवार को पूर्व उपसचिव सौम्या चौरसिया के निज सचिव रहे जयचंद कोसले को गिरफ्तार कर विशेष कोर्ट में पेश किया गया है। जयचंद कोसले पर आरोप है कि उन्होंने सौम्या चौरसिया का निज सचिव रहते हुए कोल घोटाले से 50 लाख रुपये कमाया है। कोर्ट से ईओडब्ल्यू जयचंद को 14 दिन के पुलिस रिमांड में लेने का प्रयास कर रही है।
बता दें आर्थिक अपराध विंग ने ‘शराब घोटाला’ और ‘कोयला घोटाला’ मामलों में रविवार को रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग में कुल 10 ठिकानों पर छापेमारी की थी। रायपुर में शराब कारोबारी अवधेश यादव और उनके सहयोगियों के छत्तीसगढ़ स्थित 3 ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की थी। इसके अलावा सौम्या चौरसिया के निजी सहायक रहे जयचंद कोसले के सभी ठिकानों पर भी दबिश कार्रवाई पूरी कर ली गई है। दोनों घोटालों से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाइल फोन, नगदी और तकनीकी उपकरण जब्त किए गए जिनकी जांच फिलहाल जारी है। रेड कार्रवाई के दूसरे दिन सोमवार को जयचंद को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया है।
ED की जांच में सामने आया कि कुछ लोगों ने राज्य के वरिष्ठ राजनेताओं और नौकरशाहों से मिलीभगत के बाद ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर कोयला ट्रांसपोर्ट करने वालों से अवैध वसूली की है। जुलाई 2020 से जून 2022 के बीच कोयले के हर टन पर 25 रुपये की अवैध लेवी वसूली गई। 15 जुलाई 2020 को इसके लिए आदेश जारी किया गया था। खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक IAS समीर बिश्रोई ने आदेश जारी किया था।
परमिट कोल परिवहन में व्यापारियों को दिया जाता है। पूरे मामले का मास्टरमाइंड किंगपिन कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया। जो व्यापारी पैसे देता उसे ही खनिज विभाग से पीट और परिवहन पास जारी होता था। यह रकम 25 रुपये प्रति टन के हिसाब से सूर्यकांत के कर्मचारियों के पास जमा होती थी। इस तरह से स्कैम कर कुल 570 करोड़ रुपये की वसूली की गई। इस घोटाले की राशि को सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं को रिश्वत देने में खर्च किया गया। साथ ही चुनावी खर्चों के लिए भी इस अवैध राशि का इस्तेमाल किया गया। आरोपियों ने इससे कई चल-अचल संपतियों को खरीदा है।
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