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Spadex: एक्सपेरिमेंट के दौरान ISRO ने दो उपग्रहों को एक-दूसरे से तीन मीटर की दूरी पर लाकर किया परीक्षण, डेटा के विश्लेषण के बाद पूरी होगी डॉकिंग की प्रक्रिया

ISRO द्वारा अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग के तहत दो उपग्रहों को तीन मीटर की दूरी तक लाने का परीक्षण किया गया। डॉकिंग प्रक्रिया को डेटा विश्लेषण के बाद पूरा किया जाएगा।

Spadex: बेंगलुरु। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने रविवार को बताया कि अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग के तहत प्रक्षेपित किए गए दो उपग्रहों को परीक्षण के तौर पर एक-दूसरे से तीन मीटर की दूरी पर लाया गया और फिर सुरक्षित रूप से अलग कर दिया गया। ISRO ने यह भी कहा कि डॉकिंग प्रक्रिया केवल डेटा के विस्तृत विश्लेषण के बाद पूरी की जाएगी। ISRO ने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में बताया कि पहले उपग्रहों को 15 मीटर की दूरी तक लाया गया और फिर तीन मीटर की दूरी तक उनका प्रयास किया गया। इसके बाद, दोनों अंतरिक्ष यान को सुरक्षित दूरी पर वापस ले जाया गया और डॉकिंग प्रक्रिया को डेटा विश्लेषण के बाद पूरा किया जाएगा।


Spadex: स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पेडेक्स) परियोजना पहले ही सात और नौ जनवरी को डॉकिंग प्रयोगों के लिए घोषित दो समय सीमा चूक चुकी है। इसरो ने 30 दिसंबर को इस मिशन को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया था। सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी C60 रॉकेट के जरिए दो उपग्रह – स्पेसक्राफ्ट A (SDX01) और स्पेसक्राफ्ट B (SDX02) – को भेजा गया था। करीब 15 मिनट बाद, ये 220 किलो ग्राम के छोटे अंतरिक्ष यान 476 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा में प्रवेश कर गए थे, जैसा कि योजना के अनुसार था।


ISRO के अनुसार, स्पेडेक्स परियोजना छोटे अंतरिक्ष यानों का उपयोग करते हुए अंतरिक्ष में डॉकिंग प्रक्रिया के लिए एक किफायती प्रौद्योगिकी मिशन है। स्पेडेक्स मिशन में सफलता प्राप्त करने के बाद भारत उन देशों में शामिल हो जाएगा जो इस जटिल प्रौद्योगिकी में महारत हासिल कर चुके हैं, जो भविष्य में भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के लिए महत्वपूर्ण होगी।



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