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फर्जी आधार से 3200 बैंक खाते खोलकर बेचने वाली गैंग का खुलासा, लूप पोल्स का फायदा उठाकर डी-केवाइसी से खुलवाए थे खाते

MP Crime

इस जालसाजी को रोकना पुलिस की प्राथमिकता में है।

MP Crime : भोपाल। फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड से 3200 बैंक खाते खोलकर बेचने वाली बिहार की शातिर गैंग वाले मामले में नए नए खुलासे हो रहे है। अब जांच में सामने आया है की बैंक और टेलीकॉम कंपनियों के लूप पोल्स से भलीभांति परिचित थी। चूंकि बारहवीं पास सरगना शशिकांत कुमार उर्फ मनीष आधार सेंटर चला चुका है, इसलिए वह इनसे वाकिफ था और इसका कैसे फायदा उठाना है, यह उसे आता था। बैंक खाते खुलवाने के लिए शशिकांत और उसके गिरोह ने ऐसे बैंक चुने जहां डी-केवाइसी होती है।



MP Crime : मैन्युअल फॉर्म जनरेट होने पर आरोपियों ने इसमें मनमानी जानकारी भरी और बैंक के लूप पोल्स का फायदा उठाकर खाते खुलवा लिए थे। पुलिस की जांच में सामने आया है कि कुछ बैंक केवल डी केवाइसी ही करते हैं। जिन आधा दर्जन से अधिक बैंकों में आरोपियों ने खाते खुलवाए हैं वहां डी-केवाइसी के जरिए खाते खुलते हैं। इसके अलावा जिन बैंकों में ई-केवाइसी के जरिए खाता खोले जाते हैं, वहां जालसाजी नहीं हुई। हनुमानगंज थाना प्रभारी अवधेश सिंह भदौरिया ने बताया कि रिमांड अवधि खत्म होने पर आरोपी को जिला अदालत में पेश किया गया था। जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। मामले में आरोपी संजय की पुलिस को तलाश है।


MP Crime : बिहार गईटीम को अभी संजय नहीं मिला है। संजय के लिए मिलने पर उसकी भूमिका की जांच की जाएगी। पकड़े गए सभी सात आरोपी फिलहाल जेल में हैं। जिस गिरोह को आरोपियों ने फर्जी खाते, आधार कार्ड, सिम व पैन कार्ड बेचे हैं, पुलिस का उस पर फोकस है। पुलिस ऐसे गिरोह की तलाश में है। जब्त की गई सामग्री और डाटा से आरोपियों तक पहुंचने के प्रयास में है। चूंकि जिस गिरोह ने 10-10 हजार रुपए में एक खाता खरीदा है, निश्चित ही वह उसमें बड़ा वित्तीय लेनदेन करेंगे। इस जालसाजी को रोकना पुलिस की प्राथमिकता में है।

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