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Ganesh Chaturthi 2025 : गणेश चतुर्थी पर मोदक के साथ इन 8 खास व्यंजनों का भी भोग लगाना है जरूरी और बप्पा को करें प्रसन्न

Ganesh Chaturthi 2025

Ganesh Chaturthi 2025 : मुंबई। गणेशोत्सव का पर्व आते ही देशभर में भक्ति और उत्साह का माहौल छा जाता है। भक्त अपने प्रिय गणपति बप्पा के स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ते। सजावट, पूजा-अर्चना और स्वादिष्ट भोग इस त्योहार की शोभा बढ़ाते हैं। मोदक को बप्पा का सबसे प्रिय भोग माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके अलावा भी कई पारंपरिक व्यंजन हैं, जो गणेश चतुर्थी के भोग में विशेष स्थान रखते हैं? भारत के विभिन्न क्षेत्रों में बप्पा को चढ़ाए जाने वाले ये व्यंजन न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि इनकी खुशबू और विविधता उत्सव की रौनक को और बढ़ा देती है।


आइए जानते हैं उन 8 खास पकवानों के बारे में, जो गणेशोत्सव में बप्पा को भोग लगाने की परंपरा को और समृद्ध करते हैं।


1. शंकरपाली महाराष्ट्र और गुजरात में बेहद लोकप्रिय यह कुरकुरा व्यंजन मैदा, चीनी और घी से तैयार किया जाता है। सुनहरे रंग में तली गई शंकरपाली बच्चों और बड़ों में समान रूप से पसंद की जाती है और प्रसाद के रूप में बप्पा को अर्पित की जाती है।


2. पुरण पोली महाराष्ट्र में मोदक के बाद पुरण पोली का विशेष महत्व है। चने की दाल और गुड़ या चीनी से बनी यह मीठी रोटी घी के साथ परोसी जाती है, जो गणेश चतुर्थी के भोग को और स्वादिष्ट बनाती है।


3. लड्डू बेसन, रवा या नारियल से बने लड्डू गणेशोत्सव का अभिन्न हिस्सा हैं। ये लड्डू बनाने में सरल और स्वाद में लाजवाब होते हैं, जो बप्पा के भोग में शामिल किए जाते हैं।


4. मेथी भाजी कुछ क्षेत्रों में बप्पा को हरी सब्जियों का भोग भी चढ़ाया जाता है। मसालों के साथ तैयार मेथी भाजी को प्रसाद के रूप में अर्पित करने की परंपरा है, जो सात्विक भोजन का प्रतीक है।


5. श्रीखंड गुजरात और महाराष्ट्र की यह लोकप्रिय मिठाई दही, केसर, इलायची और सूखे मेवों से बनाई जाती है। श्रीखंड का मलाईदार स्वाद बप्पा के भोग को और भी खास बनाता है।


6. खिचड़ी मूंग दाल और चावल से बनी खिचड़ी सात्विक भोजन का प्रतीक है। कई स्थानों पर इसे गणेश चतुर्थी के दौरान प्रसाद के रूप में चढ़ाया और बांटा जाता है।


7. नारियल बर्फी गणेश चतुर्थी में नारियल का विशेष महत्व है। नारियल बर्फी न केवल स्वाद में उत्कृष्ट होती है, बल्कि इसे तैयार करना भी आसान है, जो इसे भोग के लिए आदर्श बनाता है।


8. पोंगल दक्षिण भारत, खासकर तमिलनाडु में, पोंगल गणपति के भोग का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे मीठे और नमकीन दोनों रूपों में बनाया जाता है, जो बप्पा को अर्पित करने की परंपरा को और समृद्ध करता है।


ये व्यंजन गणेश चतुर्थी के उत्सव को और भी रंगीन और स्वादिष्ट बनाते हैं। भक्तों का मानना है कि इन विशेष भोगों से बप्पा प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।

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