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Diwali 2024: दिवाली पर कैसे पाएं देवी अष्ट लक्ष्मी का आशीर्वाद, जानें देवी लक्ष्मी के आठ स्वरूपों के पूजा का लाभ

दिवाली 2024 पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हुए लोग

Diwali 2024: दिवाली के पावन अवसर पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि दिवाली की रात मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करने से वे प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास करती हैं। ग्रंथों के अनुसार, मां लक्ष्मी के आठ स्वरूपों का वर्णन मिलता है जिन्हें अष्ट लक्ष्मी कहा जाता है। इन अष्ट लक्ष्मियों की पूजा करने से हर प्रकार के शुभ फलों की प्राप्ति होती है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का संचार होता है। आइए जानते हैं मां लक्ष्मी के इन आठ स्वरूपों और उनकी पूजा के लाभ के बारे में।

मां लक्ष्मी के आठ स्वरूप और उनके लाभ

Diwali 2024: आदि लक्ष्मी
मां लक्ष्मी का प्रथम स्वरूप आदि लक्ष्मी का है। इन्हें सृष्टि की उत्पत्ति का मूल स्रोत माना जाता है। इनकी पूजा करने से मोह-माया से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। भक्तों को लोक और परलोक में सुख-संपदा और संतोष का अनुभव होता है।

धन लक्ष्मी
देवी लक्ष्मी का दूसरा स्वरूप धन लक्ष्मी का है। इनके हाथों में धन से भरा कलश और कमल का फूल होता है। धन लक्ष्मी की पूजा करने से आर्थिक समस्याओं का अंत होता है और व्यक्ति को कर्ज से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि मां लक्ष्मी ने इस रूप में भगवान विष्णु को कुबेर के कर्ज से मुक्ति दिलाई थी।

धान्य लक्ष्मी
धान्य लक्ष्मी का अर्थ अन्न संपदा है। इन्हें माता अन्नपूर्णा के रूप में भी पूजा जाता है। इस स्वरूप की पूजा से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती और परिवार में पोषण व समृद्धि बनी रहती है। वे उन घरों में वास करती हैं जहां अन्न का आदर होता है और उसे व्यर्थ नहीं किया जाता।

Diwali 2024: गजलक्ष्मी
मां लक्ष्मी का चौथा स्वरूप गजलक्ष्मी है, जो कृषि और उर्वरता की देवी मानी जाती हैं। इस स्वरूप में मां हाथी पर कमल पुष्प पर विराजमान हैं। इस रूप की पूजा से संतान सुख की प्राप्ति होती है और संतान के जीवन में उन्नति व सुख-शांति बनी रहती है। गजलक्ष्मी को राजलक्ष्मी के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि वे राज्य में समृद्धि और शांति की वृद्धि करती हैं।




संतान लक्ष्मी
मां लक्ष्मी का पांचवा स्वरूप संतान लक्ष्मी है। ये संतान की रक्षा और परिवार की खुशियों की वृद्धि करती हैं। भक्तों का मानना है कि संतान लक्ष्मी की पूजा करने से संतान के स्वास्थ्य, सुरक्षा और उन्नति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

वीर लक्ष्मी
मां लक्ष्मी का यह स्वरूप वीरता, साहस और ओज का प्रतीक है। इनकी आठ भुजाओं में विभिन्न अस्त्र-शस्त्र धारण किए हुए हैं, जो शत्रुओं से रक्षा और विजय का प्रतीक है। वीर लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति निडर बनता है, कठिनाइयों में विजय प्राप्त करता है और समृद्धि पाता है।

Diwali 2024: विजय लक्ष्मी
विजय लक्ष्मी या जय लक्ष्मी का स्वरूप जीवन में हर क्षेत्र में सफलता दिलाने वाला है। मां के इस रूप की पूजा से यश, कीर्ति और सम्मान की प्राप्ति होती है। जय लक्ष्मी हर समस्या में विजय दिलाती है और व्यक्ति को आत्मविश्वास और निडरता का आशीर्वाद देती है।

विद्या लक्ष्मी
मां लक्ष्मी का अंतिम स्वरूप विद्या लक्ष्मी का है, जो ज्ञान, कला और कौशल की देवी मानी जाती हैं। इस स्वरूप की पूजा करने से शिक्षा और कला के क्षेत्र में सफलता मिलती है और ज्ञान में वृद्धि होती है। विद्या लक्ष्मी का आशीर्वाद उन सभी को प्राप्त होता है जो शिक्षा और ज्ञान की साधना में लगे रहते हैं।

Diwali 2024: दिवाली पर अष्ट लक्ष्मी पूजा का महत्व
दिवाली के शुभ अवसर पर अष्ट लक्ष्मी की पूजा करने से हर प्रकार की समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। देवी लक्ष्मी के इन आठ स्वरूपों की पूजा करके भक्तजन अपने जीवन में धन, स्वास्थ्य, संतान, ज्ञान, साहस, और विजय की प्राप्ति कर सकते हैं। प्रत्येक स्वरूप का अपना विशेष महत्व है और उनकी कृपा से जीवन में सकारात्मकता और संतोष का अनुभव होता है।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। इस जानकारी की पुष्टि का उद्देश्य मात्र जानकारी प्रदान करना है।

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