माफी मांगी, फूल और चॉकलेट भी भेंट किए, उज़्बेक ग्रैंडमास्टर ने आर वैशाली के सामने गलती स्वीकार की

नई दिल्ली, 31 जनवरी – उज़्बेकिस्तान के ग्रैंडमास्टर नोदिरबेक याकुबोएव ने भारतीय शतरंज खिलाड़ी आर वैशाली से हाथ मिलाने से इनकार करने की घटना के लिए व्यक्तिगत रूप से माफी मांगी।
उन्होंने वैशाली को फूल और चॉकलेट देकर अपनी गलती स्वीकार की और उनके भाई आर प्रज्ञानानंदा से भी खेद जताया। टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट में हुआ विवाद यह घटना टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट के चौथे दौर के मुकाबले के दौरान हुई थी, जब वैशाली ने याकुबोएव से पारंपरिक रूप से हाथ मिलाने के लिए हाथ बढ़ाया, लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया।
यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और कई लोगों ने याकुबोएव की इस हरकत की आलोचना की। बाद में, याकुबोएव ने 30 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से वैशाली से मुलाकात की और कहा कि वह उस दिन जल्दबाजी में थे, जिससे यह गलतफहमी उत्पन्न हुई।
उन्होंने कहा, "यह हम दोनों के लिए एक कठिन परिस्थिति थी। मैं उस दिन जल्दी में था। यह एक गलतफहमी थी, जिसके लिए मैं माफी मांगता हूं। मैं वैशाली, उनके भाई और सभी भारतीय शतरंज खिलाड़ियों का सम्मान करता हूं।"
वैशाली ने माफी को किया स्वीकार
भारतीय ग्रैंडमास्टर आर वैशाली ने भी याकुबोएव की माफी स्वीकार करते हुए कहा कि वह उनकी स्थिति को समझ सकती हैं। "यह समझने योग्य है। उस समय मैंने इस बारे में ज्यादा नहीं सोचा था," वैशाली ने कहा। पहले सोशल मीडिया पर भी मांगी थी माफी इस घटना को लेकर भारी आलोचना झेलने के बाद याकुबोएव ने 26 जनवरी को सोशल मीडिया पर भी अपनी सफाई दी थी।
उन्होंने लिखा, "प्रिय शतरंज प्रेमियों, मैं वैशाली के साथ हुई घटना की स्थिति स्पष्ट करना चाहता हूं। मैं सभी महिलाओं और भारतीय शतरंज खिलाड़ियों का सम्मान करता हूं। मेरी धार्मिक मान्यताओं के कारण मैं महिलाओं को नहीं छूता। यदि मेरी इस हरकत से वैशाली को ठेस पहुंची है, तो मैं ईमानदारी से माफी मांगता हूं।"
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका इरादा किसी का अपमान करने का नहीं था और वह केवल अपनी व्यक्तिगत मान्यताओं का पालन कर रहे थे। "शतरंज हराम (वर्जित) नहीं है। जो मैंने पहले किया (2023 में दिव्या के साथ मैच में) उसे अब मैं अपनी गलती मानता हूं। मैं अपने निजी विश्वासों के अनुसार कार्य करता हूं, लेकिन मैं यह नहीं चाहता कि अन्य लोग भी ऐसा करें। किसी भी महिला को हिजाब या बुर्का पहनने के लिए मजबूर करने का मेरा कोई इरादा नहीं है। यह पूरी तरह से उनकी अपनी पसंद होनी चाहिए।"
उन्होंने आगे बताया कि टूर्नामेंट के आयोजकों ने उन्हें यह निर्देश दिया था कि वे अपने प्रतिद्वंद्वी को कम से कम 'नमस्ते' के माध्यम से अभिवादन करें, लेकिन वैशाली के साथ हुए मैच में वे यह पहले से स्पष्ट नहीं कर सके, जिससे स्थिति असहज हो गई। निष्कर्ष नोदिरबेक याकुबोएव द्वारा व्यक्तिगत रूप से माफी मांगने और वैशाली द्वारा इसे स्वीकार करने से यह विवाद अब समाप्त होता दिख रहा है।
इस घटना ने खेल में परंपरा, व्यक्तिगत विश्वास और सम्मान के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर चर्चा छेड़ दी है। हालांकि, वैशाली ने इस प्रकरण को सकारात्मक रूप से लिया, जिससे खेल भावना की मिसाल कायम हुई।