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RBI गवर्नर का बड़ा ऐलान, अब मोबाइल के साथ स्मार्टवॉच, कार और आईओटी डिवाइस से भी कर पाएंगे UPI पेमेंट

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RBI : मुंबई। डिजिटल पेमेंट्स की दुनिया में नया दौर शुरू हो गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल (जीएफएफ) 2025 के दौरान चार अभूतपूर्व इनिशिएटिव्स लॉन्च किए हैं, जो यूपीआई को और अधिक स्मार्ट, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाएंगे। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस मौके पर कहा कि ये नवाचार "खुफिया, अंतर्संचालनीयता और समावेशिता का नया युग" ला रहे हैं, जो भारत को वैश्विक फिनटेक लीडर के रूप में मजबूत करेंगे। इन फीचर्स में एआई-बेस्ड यूपीआई हेल्प, आईओटी पेमेंट्स, बैंकिंग कनेक्ट और यूपीआई रिजर्व पे शामिल हैं, जो आरबीआई के 'पेमेंट्स विजन 2025' के लक्ष्य 'सबके लिए, हर जगह, हर समय ई-पेमेंट्स' को साकार करेंगे।


RBI : एआई-बेस्ड यूपीआई हेल्प: ट्रांजैक्शन की परेशानियां अब एक क्लिक दूर


नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा विकसित यह एआई-संचालित सिस्टम यूपीआई ट्रांजैक्शन की समस्याओं, मैंडेट मैनेजमेंट और विवाद समाधान के लिए तत्काल सहायता प्रदान करेगा। एनपीसीआई के इन-हाउस स्मॉल लैंग्वेज मॉडल (एसएलएम) पर आधारित यह टूल पेमेंट डेटा पर प्रशिक्षित है, जो उपयोगकर्ताओं को ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक करने, शिकायत दर्ज करने या स्टेप-बाय-स्टेप गाइडेंस देने में मदद करेगा। शुरू में अंग्रेजी में उपलब्ध, यह जल्द ही हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में भी लॉन्च होगा। इससे बैंक तेजी से शिकायतें हल कर सकेंगे, उपयोगकर्ताओं का समय बचेगा और गोपनीयता की पूरी सुरक्षा मिलेगी।


RBI : आईओटी पेमेंट्स: फोन की जंजीरों से आजाद होकर पेमेंट


अब पेट्रोल पंप पर फोन निकालने या ईवी चार्जिंग के दौरान इंतजार करने की जरूरत नहीं। आईओटी पेमेंट्स फीचर से उपयोगकर्ता अपनी कनेक्टेड कार, स्मार्टवॉच, स्मार्ट ग्लासेस, स्मार्ट टीवी या अन्य आईओटी डिवाइस से सीधे यूपीआई पेमेंट कर सकेंगे। वॉयस कमांड, टेक्स्ट या ऑटोमेटेड रूटीन के जरिए ट्रांजैक्शन शुरू हो सकेंगे, जो यूजर-डिफाइंड लिमिट्स के भीतर सुरक्षित रहेंगे। यह फ्यूचरिस्टिक कदम रोजमर्रा के भुगतान को बिना रुकावट वाला और तेज बना देगा, जैसे फ्यूल रिफिल या स्ट्रीमिंग सब्सक्रिप्शन।


RBI : बैंकिंग कनेक्ट: इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग का एकीकृत जाल


एनपीसीआई भारत बिलपे लिमिटेड (एनबीबीएल) द्वारा तैयार यह प्लेटफॉर्म इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग को एकीकृत करेगा, जिससे बैंक, पेमेंट एग्रीगेटर्स और मर्चेंट्स के बीच सेटलमेंट व समस्या निवारण आसान हो जाएगा। एक सिंगल इंटीग्रेशन से सभी भाग लेने वाले बैंकों तक पहुंच मिलेगी। यूजर्स को क्यूआर कोड स्कैनिंग, पे वाया ऐप और इंटेंट-बेस्ड पेमेंट्स जैसे विकल्प मिलेंगे, जो ऐप स्विचिंग की झंझट से मुक्ति देंगे। यह फीचर ऑनलाइन शॉपिंग या मल्टी-प्लेटफॉर्म भुगतान को मोबाइल-फर्स्ट अनुभव देगा।


RBI : यूपीआई रिजर्व पे: क्रेडिट लाइन पर पूर्ण नियंत्रण


बार-बार होने वाले पेमेंट्स जैसे ई-कॉमर्स शॉपिंग, फूड डिलीवरी या कैब बुकिंग के लिए यह फीचर क्रांतिकारी साबित होगा। उपयोगकर्ता अपने क्रेडिट कार्ड या प्री-अप्रूvd क्रेडिट लाइन का एक हिस्सा ब्लॉक कर सकेंगे विशेष रूप से रिकरिंग या वन-टाइम खर्चों के लिए। हर बार ओटीपी या कार्ड डिटेल्स डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सभी मर्चेंट ऐप्स और यूपीआई प्लेटफॉर्म्स पर ब्लॉक/उपयोगित क्रेडिट को एक जगह ट्रैक किया जा सकेगा, जिससे पारदर्शिता, सुरक्षा और नियंत्रण बढ़ेगा।


ये चार इनिशिएटिव्स भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम को वैश्विक स्तर पर मजबूत करेंगे, जहां एआई, आईओटी और क्रेडिट इंटीग्रेशन से लेन-देन न केवल तेज होगा, बल्कि अधिक समावेशी भी। गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि ये बदलाव "सुरक्षित, समावेशी और वैश्विक मानक वाला पेमेंट सिस्टम" बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं। फिनटेक कंपनियों से अपील करते हुए उन्होंने असेवित वर्गों तक पहुंच बढ़ाने पर जोर दिया।

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