MP News : शिक्षा के मंदिर में प्राचार्य का काला कारनामा, शिक्षिका को भेजे अश्लील मैसेज, 'फूल तुम्हें भेजा है खत में... I Love You' लिखकर किया प्रपोज

MP News : नर्मदापुरम। एक ओर जहां मध्य प्रदेश सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है, वहीं दूसरी ओर नर्मदापुरम जिले के ग्राम हथवास स्थित पीएम श्री हाई स्कूल में एक शर्मनाक घटना ने सबको स्तब्ध कर दिया है। स्कूल के प्रभारी प्राचार्य सुरेश श्रीवास्तव ने अपने ही स्कूल की एक महिला शिक्षिका को व्हाट्सएप पर अश्लील और प्रेमपूर्ण मैसेज भेजे, जिसमें उन्होंने लिखा, "फूल तुम्हें भेजा है खत में, फूल नहीं मेरा दिल है। तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो। I Love You ❤️❤️ And You?"।
यह मामला तब और गंभीर हो गया जब प्राचार्य ने शिक्षिका को धमकी भरे लहजे में कहा कि "मुझे आप पर पूरा विश्वास है कि यह चर्चा किसी को नहीं बतलाएंगे। स्टाफ में सबसे ज्यादा भरोसा आप पर है, किसी को नहीं बतलाएंगे। वैसे आप एक शिक्षिका हैं और मेरी भावनाओं को तो आप समझ ही गई होंगी। कसम खाओ कि किसी को नहीं बतलाओगी तो मैं अपनी भावनाओं को व्यक्त करूं।" शिक्षिका ने साफ मना करते हुए जवाब दिया, "Sorry सर जी, आप बहुत सम्मानित व्यक्ति हैं लेकिन मैं ऐसा कुछ नहीं सोचती। सर आप मेरे लिए सम्मानित शिक्षक हैं, मेरे पिता जैसे हो।" फिर भी प्राचार्य मानने को तैयार नहीं हुए।
आखिरकार, शिक्षिका ने इसकी शिकायत विकासखंड शिक्षा अधिकारी से की, लेकिन प्राचार्य की पत्नी जिला मंत्री भाजपा महिला मोर्चा की पदाधिकारी होने के कारण मामले को दबाने की कोशिश की गई। कोई कार्रवाई न होने पर शिक्षिका ने कलेक्टर नर्मदापुरम और संयुक्त संचालक लोक शिक्षण विभाग को लिखित शिकायत भेज दी। मामले ने तूल पकड़ लिया तो कलेक्टर सोनिया मीणा ने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश जारी कर दिए।
जिला शिक्षा अधिकारी ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की, जिसमें संदीपनी आरएनए स्कूल के प्राचार्य संजीव दुबे, प्रभारी प्राचार्य शासकीय कन्या उत्तर माध्यमिक विद्यालय सुहागपुर सुनीता गढ़वाल और प्रभारी प्राचार्य शासकीय बालक उत्तर माध्यमिक विद्यालय सेमरीहरचंद शीला चौधरी शामिल हैं। शुक्रवार को जांच टीम ने स्कूल पहुंचकर स्टाफ और शिक्षिका के बयान दर्ज किए, टीम ने अपनी रिपोर्ट वरिष्ठ कार्यालय को सौंप दी है। सूत्रों के अनुसार, जिला शिक्षा अधिकारी ने प्राचार्य सुरेश श्रीवास्तव के निलंबन का प्रस्ताव जिला शिक्षा कार्यालय को भेज दिया है। निलंबन अवधि में उन्हें संचालक कार्यालय में अटैच किया जा सकता है।