UP News : गरीबों का पैसा खा गए अफसर, पीएम आवास और मनरेगा में 55.46 लाख का घोटाला, 10 अधिकारियों पर FIR

UP News : फतेहपुर। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में 55.46 लाख रुपये के घोटाले का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलकर फर्जी मास्टर रोल बनाए और मजदूरी की राशि को गलत खातों में ट्रांसफर कर हड़प लिया। इस मामले में असोथर विकास खंड के 10 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है, जिससे जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
UP News : जांच में उजागर हुआ फर्जीवाड़ा
जिला ग्राम्य विकास अभिकरण की गहन जांच में यह घोटाला सामने आया। जांच के दौरान पाया गया कि 709 स्वीकृत लाभार्थियों की मजदूरी राशि उनके खातों में जमा करने के बजाय अन्य लोगों के खातों में हस्तांतरित की गई। मनरेगा सॉफ्टवेयर से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, इस हेराफेरी में कुल 55.46 लाख रुपये की धनराशि का दुरुपयोग किया गया। मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) पवन कुमार मीणा के निर्देश पर ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (बीडीओ) ने इस मामले में FIR दर्ज कराई है।
UP News : इन पर दर्ज हुई FIR
FIR में शामिल 10 आरोपियों में तत्कालीन और वर्तमान अवर अभियंता, वर्तमान ग्राम विकास अधिकारी, ग्रामीण लेखा सहायक (मनरेगा), तीन कंप्यूटर ऑपरेटर और पंचायत सचिव पूनम देवी शामिल हैं। इन सभी पर फर्जीवाड़ा और सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप है। जांच में यह भी सामने आया कि फर्जी मास्टर रोल बनाकर मजदूरी की राशि को गलत तरीके से निकाला गया।
UP News : प्रशासन में हड़कंप, कार्रवाई तेज
इस घोटाले के खुलासे के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। सीडीओ पवन कुमार मीणा ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में ऐसी अनियमितताओं को रोकने के लिए सिस्टम को और मजबूत किया जाएगा। पुलिस ने भी मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और अन्य संभावित संलिप्त लोगों की भूमिका की पड़ताल की जा रही है।
UP News : गरीबों के हक पर डाका
यह घोटाला गरीबों और जरूरतमंदों के लिए बनाई गई योजनाओं पर डाका डालने का गंभीर मामला है। पीएम आवास योजना और मनरेगा जैसी योजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों को आवास और रोजगार प्रदान करने के लिए शुरू की गई थीं, लेकिन इस तरह की हेराफेरी ने इन योजनाओं की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों ने इस घटना पर गहरी नाराजगी जताई है और दोषियों को कड़ी सजा की मांग की है।