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प्रदेश के सरकारी स्कूलों से विधार्थियों का मोह भंग,450 स्कूलों में नही हुए एक भी प्रवेश

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इंदौर में इनकी संख्या 98 है। रीवा में 87, सतना में 78, राजगढ़ में 56 व रासयेन में 46 स्कूल शामिल है।

MP News : भोपाल। मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों से अभिभावकों का मोह भंग होता जा रहा है। प्रदेश के साढ़े चार सौ से अधिक स्कूलों में सत्र 2025-26 में ताले लग जाएंगे। इन स्कूलों में एक भी छात्र ने प्रवेश नहीं लिया है। शून्य नामांकन वाले इन स्कूलों के शिक्षकों को अन्य जगह शिफ्ट किया जाएगा। यह खुलासा राज्य शिक्षा केंद्र के आंकड़ों से हुआ है। पिछले साल शून्य नामांकन वाले 482 स्कूलों को बंद किया गया था। स्कूल शिक्षा विभाग में दो साल से उच्च पद के प्रभार के नाम पर पूरी व्यस्था चौपट हो गई है। पिछला साल उच्च पद के प्रभार और अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग के नाम पर निकल गया।


MP News : स्कूलों में पढ़ाई के अलावा सभी काम हुए। इसका नतीजा दसवीं बारहवीं की अर्धवार्षिक परीक्षाओं में देखने को मिला है। राजधानी समेत प्रदेश भर में शासकीय स्कूलों के दसवीं के विद्यार्थियों का रिजल्ट बेहद खराब रहा है। विभाग की कार्यप्रणाली का असर अब छात्रों के प्रवेश यानी नामांकन पर भी पड़ा है। सरकारी स्कूलों की व्यवस्था चौपट होने से अभिभावक अपने बच्चों को प्रवेश नहीं दिलाना चाहते हैं। राज्य शिक्षा केंद्र के जनवरी 2025 के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में कुल 456 सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जिनमें एक भी छात्र ने प्रवेश नहीं लिया है। पिछले साल भी इनमें कई स्कूलों में शून्य नामांकन की स्थिति थी। शून्य नामांकन वाले सबसे ज्यादा वाले जिलों में सतना शामिल है। यहां के 59 स्कूलों एक भी विद्यार्थी ने प्रवेश नहीं लिया है। इसके बाद रीवा में 39, धार में 28, मैहर में 27, पन्ना में 26 व सिवनी व बड़वानी में 20-20 स्कूल शामिल हैं। भोपाल जिले में इनकी संख्या सात है। एक भी विद्यार्थी के प्रवेश नहीं लेने के कारण इन स्कूलों को सत्र 2025-26 से बंद कर दिया जाएगा।


MP News : पौने पांच सौ सरकारी स्कूलों में लग चुके ताले-
प्रदेश के पौने पांच सौ सरकारी स्कूलों में पिछले साल ताले लग चुके हैं। पिछले साल प्रदेश में 482 स्कूल ऐसे थे, जो शून्य नामांकन यानी बिना विद्यार्थियों वाले थे। इन स्कूलों में पिछले एक-दो सालों में एक भी विद्यार्थी ने प्रवेश नहीं लिया था, जबकि शून्य नामांकन वाले स्कूलों में 359 शिक्षकों की पदस्थापना थी। स्कूल शिक्षा विभाग ने ऐसे शिक्षकों को चिंहित करते हुए दूसरे स्कूलों में शिफ्ट कर दिया था और पौने पांच सौ स्कूलों में 26 जुलाई 2024 को ताले डाल दिए गए थे। **1065 निजी स्कूलों में भी नामांकन शून्य- प्रदेश के 1065 निजी स्कूल भी हैं, जिनमें सत्र 2024-25 में एक भी विदयार्थी ने प्रवेश नहीं लिया है। जिमसे सबसे ज्यादा भोपाल जिले में 121 स्कूल शामिल हैं। इंदौर में इनकी संख्या 98 है। रीवा में 87, सतना में 78, राजगढ़ में 56 व रासयेन में 46 स्कूल शामिल है।

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