छतरपुर कांड पर सियासत, नरेंद्र सलूजा ने कांग्रेस को सुनाई खरी खोटी
- Ved Bhoi
- 24 Aug, 2024
छतरपुर की हिंसा के आरोपी कांग्रेस नेता शहज़ाद अली के मकान के टूटने का विरोध करने लग गये।
भोपाल। छतरपुर कांड पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। जहां आज पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के नेतृत्व में पीसीसी का डेलिगेशन पीएचक्यू पहुंच और सरकार पर घर गिराने का और मानव अधिकार के हितों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया तो वहीं भाजपा ने भी इस मामले पर कांग्रेस पर हमला बोला है भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि एक कहावत है कि -"मार-मार के........बना दिया..." वही हालत आज कांग्रेस की देखने को मिल रही हैं।
इमरान प्रतापगढ़ी, आरिफ़ मसूद ने ऐसा चमकाया कि डरकर जीतू पटवारी पूरी कांग्रेस को लेकर पहुँच गये आज डीजीपी के पास। छतरपुर की हिंसा के आरोपी कांग्रेस नेता शहज़ाद अली के मकान के टूटने का विरोध करने लग गये। अच्छा होता कि कांग्रेस हिम्मत दिखाकर इस पत्थरबाज़ी की घटना का विरोध करती , शहज़ाद अली को कांग्रेस से बाहर करती , दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की माँग करती , घायल पुलिस कर्मियों के प्रति संवेदना व्यक्त करती , उनके लिये दो सहानुभूति के शब्द बोलती। उनसे मिलने जाती लेकिन तुष्टिकरण के कारण कांग्रेस ऐसा कर नहीं सकती है।
एक वर्ग विशेष के नेताओ का कांग्रेस के नेताओ में इतना ख़ौफ़ है कि वो कहते है कि आप पीसीसी में माँ नवदुर्गा की, गणेश जी की प्रतिमा क्यों बैठाते हो , डरकर कांग्रेस वास्तु...कहते है कि हमे पीसीसी में ईद पर बकरे की क़ुर्बानी की इजाज़त दो,डरकर ईद वाले दिन दिन भर पीसीसी में ताले लग जाते है , सारे कांग्रेस के नेता दुबक कर भाग जाते है।भाजपा सरकार निर्णय लेती है कि स्कूलों में गुरु पूर्णिमा मनाओ, श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाओ , कांग्रेस उसका भी विरोध करने लग जाती है। तुष्टिकरण के कारण राम मंदिर का विरोध ये करे, सनातन धर्म का विरोध ये करे... बुलडोज़र की बात करने वाली कांग्रेस पहले यह सच्चाई भी जान ले कि प्रदेश में जब कमलनाथ की सरकार थी , तब चुन-चुन कर कैसे बुलडोज़र चलते थे।