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बांधवगढ़ में हाथियों पर संकट, 2 दिन में आठ हाथियों ने तोड़ा दम, जांच में यह बात आई सामने

बांधवगढ़

भोपाल। बांधवगढ़ नेशनल पार्क में मंगलवार को चार जंगली हाथियों की संदिग्ध हालत में मौत के बाद बुधवार को चार और हाथियों ने दम तोड़ दिया। खेतों में फसलों पर ज्यादा कीटनाशक होने से 13 हाथियों का झुंड चपेट में आ गया था। पांच की हालत खराब थी। अब मौतों का आंकड़ा बढ़कर 8 हो गया। मृत हाथियों में 1 नर और 7 मादा हैं। एक गंभीर है। दो स्वस्थ हैं, उन्हें जंगल में छोड़ा गया है। वहीं बुधवार को झुंड के हाथियों की मौत से नाराज 20 हाथियों का दूसरा झुंड घटनास्थल पर आ धमका।

वन अमले व ग्रामीणों को खदेड़ा। इससे रेस्क्यू में भी दिक्कतें आईं। पशु चिकित्सकों ने प्रारंभिक रिपोर्ट में कोदो (मोटा अनाज) का जहरीला होना बताया है। पुष्टि एफएसएल रिपोर्ट के बाद होगी। क्षेत्र से धान, कोदो व पानी के सैंपल स्कूल ऑफ वाइल्डलाइफ फोरेंसिक एंड हेल्थ जबलपुर को भेजे हैं। इस बीच जांच के लिए 5 टीमें बनाई हैं। टीम ने घटनास्थल के 5 किमी के दायरे में 5 लोगोें से पूछताछ की है। एसटीएसएफ ने डॉग स्क्वाड की मदद से 7 खेतों और 7 घरों की तलाशी ली।


वनमंत्री ने दिए जांच के निर्देश, 10 दिन में रिपोर्ट
वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (डब्ल्यूसीसीबी) नई दिल्ली ने जांच के लिए समिति गठित बनाई है। वहीं राज्य सरकार के वन मंत्री रामनिवास रावत ने भी अपर प्रधान मुख्य वन सरंक्षक एल कृष्णमूर्ति की अध्यक्षता में जांच टीम बनाई है। टीम को 10 दिन में जांच रिपोर्ट देनी है। इसमें टाइगर स्ट्राइक फोर्स प्रभारी रितेश सरोठिया, मानसेवी अभिरक्षक कटनी की मंजुजा श्रीवास्तव, वन अनुसंधान संस्थान के अनिरूद्ध मजूमदार शामिल हैं। टीम हाथियों के पगमार्क से उनके मूवमेंट एरिया में जांच कर रही है।


विशेषज्ञों की टीम भी नहीं बचा सकी जान
छह बीमार हाथियों को बचाने वाइल्ड लाइफ हेल्थ ऑफिसर्स एंड वाइल्ड लाइफ वेटररियन बांधवगढ़, संजय टाइगर रिजर्व, स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फॉरेंसिक एंड हेल्थ जबलपुर की टीम पहुंची। इलाज शुरू किया। एसटीएसएफ जबलपुर व भोपाल की टीम भी पहुंची। वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया देहरादून से भी इलाज में सलाह ली। एनटीसीए मध्य क्षेत्र के एआइजी नंदकिशोर काले भी स्थल पर जांच को पहुंचे।


हाथियों को भगाने किया गया मिर्च का धुआं
 वन अमले का रेस्क्यू अभियान 20 हाथियों के नए झुंड के आने से खतरे में आ गया। वहां तीन बाघ घूम रहे हैं, जिससे देर रात तक रेस्क्यू में दिक्कतें आ रही हैं। वन्य प्राणी विशेषज्ञ पुष्पेंद्रनाथ द्विवेदी ने बताया, नया झुंड भी कोदो के खेतों के आसपास दिखा। उन्हें भगाने के लिए मिर्च का धुआं किया जा रहा है। आसपास 10 एकड़ कोदो फसल नष्ट करना होगा।

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