Breaking News
:

हिंदी भाषा पर विवाद: भाषाई विविधता हमारी ताकत बने.. न कि कमजोरी

हिंदी, भारत की राजभाषा और करोड़ों लोगों की मातृभाषा, अक्सर विवादों के केंद्र में रहती है। हाल ही में महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने राज्य में तीन-भाषा नीति लागू करने का फैसला किया

हिंदी, भारत की राजभाषा और करोड़ों लोगों की मातृभाषा, अक्सर विवादों के केंद्र में रहती है। हाल ही में महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने राज्य में तीन-भाषा नीति लागू करने का फैसला किया

 



डॉ. ​शिशिर उपाध्याय

सूमह संपादक, एशियन न्यूज भारत


हिंदी, भारत की राजभाषा और करोड़ों लोगों की मातृभाषा, अक्सर विवादों के केंद्र में रहती है। हाल ही में महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने राज्य में तीन-भाषा नीति लागू करने का फैसला किया, जिसके तहत स्कूलों में मराठी, अंग्रेजी और हिंदी पढ़ाई जाएगी। लेकिन, विपक्ष ने इसे हिंदी को 'थोपने' का कदम बताकर विरोध शुरू कर दिया। यह कोई नई बात नहीं है। दक्षिण भारत में भी समय-समय पर हिंदी के खिलाफ आवाजें उठती रही हैं। सवाल यह है कि आखिर हिंदी को लेकर इतना विवाद क्यों है?


करंट अफेयर्स


भारत एक बहुभाषी देश है, जहां सैकड़ों भाषाएं और बोलियां फलती-फूलती हैं। संविधान ने हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि अन्य भाषाओं को दबाया जाए। तीन-भाषा नीति का मकसद बच्चों को स्थानीय भाषा, राष्ट्रीय भाषा और वैश्विक भाषा (अंग्रेजी) सिखाकर उन्हें सशक्त बनाना है। लेकिन, कुछ लोग इसे हिंदी के प्रभुत्व की कोशिश के रूप में देखते हैं। खासकर गैर-हिंदी भाषी राज्यों में यह डर रहता है कि उनकी भाषा और संस्कृति खतरे में पड़ सकती है।


महाराष्ट्र में हिंदी के विरोध की एक वजह राजनीति भी है। मराठी अस्मिता को मजबूत करने के नाम पर कुछ दल हिंदी को निशाना बनाते हैं। लेकिन, यह भूलना ठीक नहीं कि हिंदी और मराठी, दोनों ही भारतीय भाषाएं हैं और एक-दूसरे की पूरक हो सकती हैं। हिंदी को थोपना उतना ही गलत है, जितना इसका विरोध कर भाषाई एकता को कमजोर करना।


हमें यह समझना होगा कि भाषा जोड़ने का माध्यम है, न कि बांटने का। सरकार को चाहिए कि वह हिंदी को बढ़ावा देते समय स्थानीय भाषाओं का सम्मान सुनिश्चित करे। साथ ही, लोगों को यह भरोसा दिलाना होगा कि हिंदी सीखना उनकी अपनी भाषा को छोड़ने की मजबूरी नहीं है। संवाद और सहमति से ही इस विवाद का हल निकलेगा, ताकि भारत की भाषाई विविधता हमारी ताकत बनी रहे, न कि कमजोरी।

Popular post

Live News

Latest post

You may also like

Subscribe Here

Enter your email address to subscribe to this website and receive notifications of new posts by email.

Join Us