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रायपुर में विदेशी गांजा ! ..अब सख्ती नहीं हुई तो देर हो जाएगी

रायपुर में पहली बार विदेशी गांजा पकड़ा गया, वो भी मुंबई के रास्ते..! छत्तीसगढ़ पुलिस ने आमानाका और टाटीबंध और दुर्ग भिलाई जैसे बड़े शहरों में छापा मारकर इन तस्करों को दबोचा। इसके अलावा ये खबर भी चौंकाने वाली

रायपुर में पहली बार विदेशी गांजा पकड़ा गया, वो भी मुंबई के रास्ते..! छत्तीसगढ़ पुलिस ने आमानाका और टाटीबंध और दुर्ग भिलाई जैसे बड़े शहरों में छापा मारकर इन तस्करों को दबोचा। इसके अलावा ये खबर भी चौंकाने वाली



 

डॉ. शिशिर उपाध्याय

समूह संपादक, ​एशियन न्यूज भारत


रायपुर में पहली बार विदेशी गांजा पकड़ा गया, वो भी मुंबई के रास्ते..! छत्तीसगढ़ पुलिस ने आमानाका और टाटीबंध और दुर्ग भिलाई जैसे बड़े शहरों में छापा मारकर इन तस्करों को दबोचा। इसके अलावा ये खबर भी चौंकाने वाली है कि, पंजाब के रास्ते अफीम और हेरोइन छत्तीसगढ़ तक पहुंच रही है। इन तस्करों की गिरफ्तारी की जानकारी पुलिस के प्रेस नोट में दी गई और आरोपी भी ये मान रहे हैं कि..हॉ उनके तार मुंबई और पंजाब से जुड़े हुए हैं।


लेकिन, ये तो बस शुरुआत है। विदेशी गांजा छत्तीसगढ़ पहुंचना ये बताता है कि तस्कर अब सिर्फ लोकल लेवल पर नहीं, बल्कि इंटरनेशनल स्तर पर काम कर रहे हैं। पहले छत्तीसगढ़ में ओडिशा रूट से देसी गांजे की तस्करी की बात सुनने को मिलती थी, लेकिन अब विदेशी गांजा और सीमा पार पाकिस्तन से तस्करी कर लाया गई हेरोइन भी यहां पहुंचने लगी है।


छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में, जहां पहले छोटे-मोटे नशे के मामले सुनने को मिलते थे, अब विदेशी गांजा और हेरोइन का आना बड़ा खतरा है। पंजाब से अफीम और हीरोइन की तस्करी तो और भी गंभीर बात है। समय रहते इन तस्करों को रोकने के लिए पुलिस को अब और सख्ती दिखानी होगी, नहीं तो प्रदेश को उड़ता छत्तीसगढ़ बनने में देर नहीं लगेगी।


पुलिस को चाहिए कि वो तस्करी के इन रास्तों को बंद करे, नशे के सौदागरों को जेल भेजे और ड्रग्स नेटवर्क को तोड़ना और भी जरूरी है। लेकिन, यह सिर्फ पुलिस के भरोसे नहीं हो सकेगा। सरकार को चाहिए कि वो पुलिस को हाई-टेक संसाधन दे, खुफिया जानकारी जुटाने में मदद करे और स्कूल-कॉलेजों में नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाए।


नशा हमारे समाज को खोखला कर रहा है। युवा इसकी चपेट में आ रहे हैं। स्कूल-कॉलेज के लड़के-लड़कियां, जिनसे हमें भविष्य की उम्मीद है, वो नशे की लत में फंस रहे हैं। ये नशा न सिर्फ उनकी जिंदगी बर्बाद कर रहा है, बल्कि परिवारों को भी तोड़ रहा है। युवा नशे की लत में न फंसे इसके लिए पेरेंट, टीचर और समाज के हर व्यक्ति को बच्चों पर नजर रखनी होगी। जरूरत इस बात की है कि इसे जनभागीदारी से अभियान की शक्ल दी जाए।

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