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पहलगाम हमला: कश्मीर को अशांत करने की साजिश

पहलगाम आतंकी हमला में जो 26-30 बेगुनाह लोग मारे गए, उसने सबका दिल दहला दिया। तमाम अखबारों और मीडिया चैनल पर लाशों के पास बुत की तरह बैठीं मृतकों की उनकी पत्नियां और बिलखते बच्चों की तस्वीरें देश के 1.46 अरब से अधिक

पहलगाम आतंकी हमला में जो बेगुनाह लोग मारे गए, उसने सबका दिल दहला दिया। तमाम अखबारों और मीडिया चैनल पर लाशों के पास बुत की तरह बैठीं मृतकों की उनकी पत्नियां और बिलखते बच्चों की तस्वीरें देश के 1.46 अरब से अधिक





डॉ.शिशिर उपाध्याय

समूह संपादक,एशियन न्यूज भारत


पहलगाम आतंकी हमला में जो  बेगुनाह लोग मारे गए, उसने सबका दिल दहला दिया। तमाम अखबारों और मीडिया चैनल पर लाशों के पास बुत की तरह बैठीं मृतकों की उनकी पत्नियां और बिलखते बच्चों की तस्वीरें देश के 1.46 अरब से अधिक लोगों को रूला रही हैं। इनमें से कईयों के हाथों की मेंहदी तक नहीं छूटी थी। इस हमले में 28 लोगों की जान गई है।


लगभग एक दशक बाद ऐसा हुआ है जब कश्मीर की खूबसूरत वादी में पर्यटकों को निशाना बनाया गया है, वो भी बॉडीकैम लगाकर और चुन-चुनकर लोगों को मारा गया है। ये कोई छोटी-मोटी वारदात नहीं, बल्कि देश को कमजोर करने वाली ताकतों की सोची समझी चाल है। आतंकियों की ये हरकत कश्मीर को अशांत करने और भारत की अंतरराष्ट्रीय साख व अर्थव्यवस्था को चोट पहुँचाने की गहरी साजिश है।


 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी का दौरा बीच में छोड़कर वापस आना और गृह मंत्री अमित शाह का श्रीनगर में डटे रहना दिखाता है कि, सरकार सीमा बैठे आतंकियों को माफ करने के मूड में नहीं है। आज शाम 6 बजे सीसीएस की मीटिंग में बड़े फैसले होने की उम्मीद है। एनआईए की जांच में पता चला है कि आतंकियों ने पहले इलाके की रेकी की थी और शायद सीमा पार से मदद मिली थी। जैसा उरी (2016) और पुलवामा (2019) में हुआ था, तो सर्जिकल स्ट्राइक या कोई सख्त कदम उठना और भी जरूरी है।




लेकिन, सरकार को इस पर भी गौर करना होगा कि आतंकी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए सिर्फ बंदूक से बात नहीं बनेगी। ये हमला पर्यटकों पर इसलिए हुआ ताकि कश्मीर का टूरिज्म ठप हो और डर फैले। पहलगाम में ताजा हालात ऐसे हैं कि बड़ी तादात में पर्यटक वहां से लौट रहे हैं। शायद सीमापार बैठे आतंकियों का मसूबा भी यही था।


दोबारा ऐसा न हो, इसके लिए सरकार को खुफिया तंत्र को और चुस्त करना होगा साथ ही पर्यटक जगहों पर सुरक्षा बढ़ानी होगी और स्थानीय लोगों को साथ लेकर चलना होगा। पहलगाम हमला सिर्फ लोगों की जान लेने की घटना नहीं, ये भारत की ताकत और एकता पर भी हमला है।


गौर करें, हम पहले भी ऐसी चुनौतियों से पार पा चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप, रूसी राष्ट्रपति पुतिन, सबने हमले की निंदा की है। दुनियाभर के देशों ने इस हमले की निंदा की है और देश का जनमत आतं​कियों के लॉन्च पैड को नष्ट करने में सरकार के साथ है। अब जरूरत इस बात है कि मौजूदा मोदी सरकार पूरी इच्छा शक्ति के साथ इसका जवाब दे।

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