हमीदिया में दलाल गिरोह का भंडाफोड़, अस्पताल की फर्जी भर्ती स्लिप बनवाकर मरीज को निजी में कर रहे थे शिफ्ट

भोपाल। राजधानी के हमीदिया अस्पताल में उस समय हंगामा मच गया, जब कुछ लोग भर्ती होने आए मरीजों को बहला-फुसला कर निजी अस्पतालों में शिफ्ट करने की तैयारी कर रहे थे। अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुनीत टंडन ने कुछ कर्मचारियों के साथ इन दलालों को पकड़ लिया। दलालों के इस गिरोह में अस्पताल के कुछ वॉर्ड बाँय और 108 एंबुलेंस के ड्रायवरों के शामिल होने का शक है। हमीदिया अस्पताल के उप अधीक्षक डॉ. जीवन सिंह मीना ने बताया कि शाम करीब 6 बजे किसी दूसरे जिले से एक मरीज को 108 एंबुलेंस से हमीदिया अस्पताल लाया गया था।
एंबुलेंस स्टाफ ने इमरजेंसी में पहुंचकर भर्ती कागजात तैयार करवाए। हालांकि मरीज को हमीदिया में भर्ती करने की बजाय पास खड़ी निजी अस्पताल की एंबुलेंस में बैठा दिया। इस बीच अधीक्षक ने 108 एंबुलेंस के स्टाफ और निजी अस्पताल के दलालों को पकड़ लिया। इसी दौरान तीन अन्य एंबुलेंस भी आई और उन्होंने भी यही करने की कोशिश की। अस्पताल स्टाफ ने चारों एंबुलेंस स्टाफ के साथ निजी अस्पताल के तीन दलालों को पकड़ लिया। अब इन पर पुलिस में एफआईआर कराई जाएगी। सूत्रों के मुताबिक मरीज ने सीने में दर्द के बाद 108 एंबुलेंस को कॉल किया। थोड़ी देर में एंबुलेंस आ गई। रास्ते में एंबुलेंस स्टाफ ने बताया कि हमीदिया में आप परेशान हो जाओगे और इलाज भी नहीं मिलेगा। उनसे निजी अस्पताल चलने को कहा। साथ ही कहा कि आयुष्मान कार्ड है, तो पैसे भी नहीं लगेंगे। हमीदिया पहुंचे, तो निजी अस्पताल की एंबुलेंस खड़ी थी। हम इसमें बैठे ही थे कि ये हंगामा हो गया।
गौरतलब है कि 108 एंबुलेंस से मरीज को निजी अस्पताल में छोड़ने का नियम है, लेकिन इसके लिए मरीज को प्रति किमी के हिसाब से शुल्क चुकाना होता है। साथ ही स्टाफ को 108 मैनेजमेंट को जानकारी देने के साथ एप्रूवल लेना पड़ता है। इससे बचने के लिए 108 के कर्मचारी मरीज को पहले हमीदिया ले जाकर उसका रजिस्ट्रेशन कराते, इसके बाद मरीज को निजी अस्पताल की एंबुलेंस में शिफ्ट करा देते। बताया जा रहा है कि इसके एवज में 108 एंबुलेंस के स्टाफ को मरीज से कुछ पैसे मिलने के साथ निजी अस्पताल से भी प्रति मरीज दो से चार हजार रुपए कमीशन मिलता है।