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खाली पद बने लोगो के लिए टेंशन,आरटीओ से लेकर आरक्षको तक के पद सालों से रिक्त, कामकाज होता है प्रभावित...

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रिक्त पदों के कारण अधिकारियों पर अतिरिक्त भार बना हुआ है।

MP News : भोपाल। सरकार का कमाऊ पूत कहे जाने वाले विभागों में से एक परिवहन विभाग की हालत इन दिनों खस्ता है। हाल यह है कि विभाग के पास 50 फीसदी अफसर- कर्मचारियों की कमी है, और सामने राजस्व का भारीभरकम टारगेट है। स्थिति यह है कि भोपाल समेत तमाम जिले प्रभारी अफसरों के भरोसे काम चला रहे हैं। प्रदेश में 10 क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, 10 अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी और 32 जिला परिवहन अधिकारी कार्य कर रहे हैं। लेकिन विभाग में आरटीओ से लेकर आरक्षक तक के पद खाली है, जिससे एक-एक अफसर दो-दो तीन-तीन जिलों का प्रभार संभाल रहा है। विभाग के पास सिर्फ 1 आरटीओ अफसर बचे हैं, एच के सिंह जो ग्वालियर में पदस्थ हैं, बाकी पूरा प्रदेश प्रभारियों के भरोसे चल रहा है। विभाग के पुनगर्ठन और रिक्त पदों को लेकर सालों से प्रक्रिया चल रही है लेकिन वह आज तक पूरी नहीं हो सकी।


MP News : राजस्व का बोझ और आधे पद खाली
इस साल परिवहन विभाग को 4 हजार 800 करोड़ रुपए के राजस्व का लक्ष्य दिया गया है, लेकिन विभाग में सैकड़ों पद कई सालों से खाली हैं। विभाग में स्वीकृत पदों की संख्या 1700 है। इनमें से 950 पदों पर ही अधिकारी-कर्मचारी पदस्थ हैं। यानि 750 पद खाली पड़े हैं जो लगभग 50 फीसदी होते हैं।नतीजा, कई जिलों में न तो क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी हैं और न ही सहायक परिवहन अधिकारी। इसके चलते एक अधिकारी पर कहीं तीन जिलों का प्रभार है तो कहीं 8 जिलों का। रिक्त पदों के कारण अधिकारियों पर अतिरिक्त भार बना हुआ है।


MP News हर अफसर के पास दो जिले
प्रदेश के 24 जिला परिवहन कार्यालय ऐसे हैं जो नियम विरुद्ध प्रभारी के सहारे घिसट रहे हैं। प्रदेश में वर्तमान में सिर्फ एक ही आरटीओ अधिकारी एच के सिंह हैं जो अभी ग्वालियर में कार्यरत हैं इनके पास ग्वालियर आरटीओ के अतिरिक्त सचिव राज्य परिवहन प्राधिकारी का प्रभार अलग से है। आलम ये है कि सिर्फ एआरटीओ ही नहीं आरटीआई स्तर के कर्मचारी भी एकसाथ दो तीन जिलों का प्रभार संभाल रहे हैं। सुनील शुक्ला सागर, टीकमगढ़, निवाड़ी तीन जिले। ज्ञानेंद्र वैश्य गुना, राजगढ़ दो जिले। स्वाति पाठक दतिया, भिंड दो जिले। जितेंद्र शर्मा भोपाल, नरसिंहपुर दो जिले। सुरेंद्र गौतम डिंडोरी, अनूपपुर दो जिले। जगदीश बिल्लौर खरगोन, खंडवा दो जिले। संतोष मालवीय उज्जैन, शाजापुर दो जिले। विक्रमजीत सिंह कंग पन्ना, छतरपुर दो जिले। आशुतोष सिंह शहडोल, सीधी दो जिले। निशा चौहान नर्मदापुरम, हरदा दो जिले। संजय श्रीवास्तव उमरिया, सतना दो जिले।


MP News : जनवरी में परिवहन मंत्री ने दिए थे निर्देश
परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने इसी साल की शुरूआत में 8 जनवरी को विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में परिवहन से होने वाले राजस्व को बढ़ाने के लिए रिक्त पड़े पदों पर भर्ती का काम तेज गति से किया जाए। उन्होंने परिवहन की सुरक्षा व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान देने की बात कही। परिवहन मंत्री ने इसके साथ ही विभागीय पुनर्गठन की बात भी कही थी, उन्होंने कहा कि विभाग के पुनर्गठन का प्रस्ताव तैयार करें। इस पर शासन स्तर पर कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी, लेकिन 11 माह बीत जाने के बाद भी इस मामले में कुछ नहीं हुआ।


MP News : सालों से धूल खा रहे भर्ती प्रस्ताव
विभाग के बड़े अधिकारी भी स्टाफ और अफसरों की कमी के साथ अन्य समस्याओं को मान रहे हैं, लेकिन उनका यह भी कहना है कि इस मामले में पिछले कई सालों में बार- बार प्रस्ताव तैयार करके भेजे गए हैं, लेकिन वे सारे प्रस्ताव उच्चस्तर पर पड़े सालों से धूल खा रहे हैं। इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। 


MP News : इधर आरटीओ की वेबसाइट पर संजय तिवारी ही
आरटीओ विभाग के बड़े मामलों की तो बात ही अलग है आलम यह है कि परिवहन विभाग की वेबसाइट तक चुस्त-दुरूस्थ नहीं हो पा रही है। जिसकी वानगी यह है कि भोपाल आरटीओ संजय तिवारी जो इसी साल 30 जून को रिटायर हो चुके है। विभाग की वेबसाइट पर अब भी आरटीओ भोपाल हैं।

MP News : इसलिए है समस्या
वेतन विसंगति, कैडर रिव्यू, क्रमोन्नति व्यवस्था लागू करना, दूसरे विभागों से प्रतिनियुक्ति बंद करना और परिवहन उपनिरीक्षक के लिए विभागीय परीक्षा का आयोजन सहित विभाग के तमाम काम सालों से अटके हुए हैं। लंबे समय से विभागीय स्तर पर विसंगतियों के दूर न हो पाने के कारण स्थिति अब गंभीर हो चुकी है।

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