Pradosh Vrat : भौम प्रदोष व्रत में शिव-पार्वती की पूजा से मिलेगा मनचाहा फल, जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व...

- Rohit banchhor
- 10 Mar, 2025
इस दिन भौम प्रदोष व्रत होगा, जो मंगलवार को पड़ने के कारण और भी शुभ माना जाता है।
Pradosh Vrat : डेस्क न्यूज। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान शिव और मां पार्वती को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। इस बार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 11 मार्च, मंगलवार को है। इस दिन भौम प्रदोष व्रत होगा, जो मंगलवार को पड़ने के कारण और भी शुभ माना जाता है।
Pradosh Vrat : प्रदोष व्रत का महत्व-
प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव और मां पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस व्रत को करने से संतान सुख, लंबी आयु और करियर में सफलता मिलती है। सप्ताह के सातों दिन के प्रदोष व्रत का अपना अलग महत्व होता है। मंगलवार को पड़ने वाले भौम प्रदोष व्रत को संतान प्राप्ति और सुख-समृद्धि के लिए विशेष फलदायी माना जाता है।
Pradosh Vrat : प्रदोष काल और शुभ मुहूर्त-
प्रदोष व्रत में प्रदोष काल में पूजा करने का विशेष महत्व होता है। प्रदोष काल सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले शुरू होता है। इस बार प्रदोष काल 11 मार्च को शाम 06.27 बजे से 08.53 बजे तक रहेगा। इस दौरान पूजा करने से अधिक लाभ मिलता है।
Pradosh Vrat : पूजा विधि-
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें और शिवलिंग का जलाभिषेक करें। शिवलिंग पर दूध, दही, घी, गंगाजल और शहद चढ़ाएं। बेलपत्र, धतूरा, भांग और मदार के फूल अर्पित करें। शिव-पार्वती की विधिवत पूजा करें और शिव मंत्रों का जाप करें।
पूजा के बाद शिव-पार्वती की आरती उतारें और प्रसाद वितरित करें।
Pradosh Vrat : शिव पूजा सामग्री-
बेलपत्र, धतूरा, भांग, मदार के फूल, दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल, पंचमेवा, पंचफल, रोली, मौली, चंदन, धूप, दीप, कपूर, अगरबत्ती, शिव-पार्वती की श्रृंगार सामग्री,
**भोग में चढ़ाएं ये चीजें-
भगवान शिव को हलवा, खीर, दही और मिष्ठान्न का भोग लगाएं। इससे प्रसन्न होकर भोलेनाथ अपने भक्तों को मनचाहा फल प्रदान करते हैं।