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शादी का कार्ड खोला तो अकाउंट हो जाएगा खाली, वैडिंग सीजन में ठगों ने इख्तियार किया नया पैतरा...

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एपीके फाइल के माध्यम से ठग लोगों के मोबाइल फोन को हैक कर उसका एक्सिस ले लेते हैं।

MP News : भोपाल। देश भर में शादियों का सीजन शुरू हो गया है। व्यस्तताओं के दौर में अब सोशल मीडिया के माध्यम से ही शादी के आमंत्रण- निमंत्रण भेजें और स्वीकार किए जा रहे हैं। उसी बीच लोगों का अकाउंट खाली करने के लिए साइबर ठग भी सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गए हैं। अगर आपके पास भी कोई शादी का कार्ड आया हो तो पहले सावधान हो जाइए...कही यह शादी का कार्ड APK फाइल तो नही जिसको खोलते ही आपके मोबाइल में सेंध लगाकर ऑनलाइन ठग ठगी कर ले। क्योंकि साइबर ठगी के जमाने में सावधानी में ही सुरक्षा है।



MP News : अगर आपको ऑनलाइन शादी के कार्ड मिलते हैं तो पहले जिस नंबर से कार्ड आया है उसकी सत्यता जांच ले। अगर वह आपके परिचित या रिश्तेदार का नंबर है और पीडीएफ या जीपीजी इमेज है तो ही कार्ड खोलें अन्यथा रहने दे। क्योंकि ऑनलाइन ठगी की दुनिया के शातिर जालसाजों ने अब उन लोगों को निशाना बनाना शुरू किया है, जो ज्यादातर समय मोबाइल पर गुजराते हैं। साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से आने वाली किसी भी लिंक को खोलकर जरूर देखते हैं। ऐसे यूजर्स को यह ठग वाट्सएप या फोन पर मैसेज कर बैंक और आधार के नाम से एपीके यानि  (एंड्रायड एप्लीकेशन किट) का लिंक भेज रहे हैं। एपीके फाइल के माध्यम से ठग लोगों के मोबाइल फोन को हैक कर उसका एक्सिस ले लेते हैं।



MP News : इसके बाद जरूरी जानकारियां और बैंक संबंधित डिटेल लेकर ठगी करने का प्रयास करते हैं। राजधानी भोपाल में एक माह में ऐसी करीब 35 शिकायतें पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच के पास पहुंची हैं।सबसे पहले वाट्सएप हैक होता है। चौंकाने वाली बात यह है कि एक बार वाट्सएप हैक होते ही मोबाइल धारक जिन-जिन वाट्सएप समूह में जुड़ा होता है, उन सभी ग्रुप में भी इस फाइल को भेजकर चेन बनाकर काफी लोगों के फोन पर हमला करने की कोशिश करते हैं।इस नए पैंतरे से बचने के लिए साइबर क्राइम पुलिस भोपाल ने एडवाइजरी जारी की है। बता दें कि लोगों के वाट्सएप पर किसी अज्ञात नंबर अथवा ग्रुप में इन एप को भेजा जा रहा है।



MP News : इस एप को डाउनलोड करने के साथ ही जालसाज इसके जरिए आपके मोबाइल फोन के कैमरा, माइक्रोफोन, जीपीएस, मैसेज और ओटीपी संबंधित सभी कमांड को अपने कब्जे में ले लेते हैं।इसके बाद मोबाइल फोन की सभी जानकारियां और ओटीपी शातिर के पास पहुंचना शुरू हो जाती हैं। वहीं, मोबाइल फोन का प्रयोग करने वाले व्यक्ति को इसकी भनक भी नही लगती है कि उनकी जानकारियां शातिरों के पास पहुंच रही हैं। समय रहते वह बैंक और साइबर पुलिस को जानकारी दे देता है तो इससे बचा जा सकता है। अब ठगों ने शादी के सीजन में लोगो को ठगने के लिए शादी कार्ड के नाम पर नया पैंतरा चला रहा है।

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