Chandrayaan 3 Landing Site Shivshakti Point: जहां चंद्रयान 3 की हुई थी लैंडिंग वो शिवशक्ति पॉइंट निकला 3.7 अरब वर्ष पुराना, पहली बार दुनिया के सामने आई जानकारी

- Pradeep Sharma
- 10 Feb, 2025
Chandrayaan 3 Landing Site Shivshakti Point: चांद के दक्षिणी ध्रुव पर इसरो के चंद्रयान 3 की सफलता ने अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में भारत का मान बढ़ाया तो दुनिया के लिए चंद्रमा के रहस्यों को उजागर होने की उम्मीद कई गुना बढ़ा दी
नई दिल्ली। Chandrayaan 3 Landing Site Shivshakti Point: चांद के दक्षिणी ध्रुव पर इसरो के चंद्रयान 3 की सफलता ने अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में भारत का मान बढ़ाया तो दुनिया के लिए चंद्रमा के रहस्यों को उजागर होने की उम्मीद कई गुना बढ़ा दी। चंद्रमा से जुड़ी जानकारियों की सीरीज में सबसे ताजी बात यह पता चली है कि चंद्रयान 3 ने 2023 में चांद के दक्षिणी ध्रुव पर जहां कदम रखा, वो जगह लगभग 3.7 अरब साल पुरानी है। यह जानकारी भारतीय वैज्ञानिकों ने ही दी है। चंद्रयान 3 की लैंडिग साइट के उम्र का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने हाई रेजोल्यूशन रिमोट सेंसिंग डेटासेट का इस्तेमाल किया।
Chandrayaan 3 Landing Site Shivshakti Point: भारतीय वैज्ञानिकों की स्टडी में पता चली नई बात
बेंगलुरु में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स सिस्टम्स लैब, अहमदाबाद में फिजिकल रिसर्च लैब और चंडीगढ़ में पंजाब यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की एक टीम ने चंद्रयान 3 की लैंडिंग साइट 'शिव शक्ति' पॉइंट (69.37°S, 32.32°E) का नक्शा बनाया। साइंस डायरेक्ट जर्नल में प्रकाशित एक पेपर में टीम ने कहा, 'भूगर्भीय नक्शा लैंडिंग क्षेत्र के भीतर तीन अलग-अलग प्रकार के भूभागों का स्थानिक वितरण दिखाता है। इनमें उबड़-खाबड़ इलाके, चिकने मैदान और कम ऊंचाई वाले चिकने मैदान शामिल हैं।' अध्ययन में कहा गया है, 'इन अलग-अलग भूगर्भीय इकाइयों की उम्र क्रेटर साइज फ्रीक्वेंसी डिस्ट्रीब्यूशन के आधार पर अनुमानित 3.7 अरब साल है।
Chandrayaan 3 Landing Site Shivshakti Point: मशहूर साइंस मैगजीन नेचर में प्रकाशित एक लेख में ...
मशहूर साइंस मैगजीन नेचर में प्रकाशित एक लेख में वैज्ञानिकों ने कहा, 'यह उसी युग का है जब पृथ्वी पर सबसे पहले सूक्ष्म जीवन रूप उभरने लगे थे।' लैंडिंग साइट का भूगर्भीय नक्शा चांद के इतिहास के बारे में नई जानकारी देता है। यह बताता है कि पास के स्कोम्बर्गर क्रेटर का मलबा इस क्षेत्र को ढकता है।