कांकेर पुलिस को बड़ी सफलता: 7 इनामी नक्सलियों का आत्मसमर्पण

कांकेर – जिले में पुलिस और सुरक्षा बलों को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। उत्तर बस्तर डिवीजन के अंतर्गत डीव्हीसीएम/केएएमएस प्रभारी सहित 7 इनामी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया।
ये सभी नक्सली रावघाट-परतापुर एरिया कमेटी और गढ़चिरौली डिवीजन में सक्रिय थे।
32 लाख रुपये के इनामी नक्सलियों ने किया सरेंडर
सरकार द्वारा पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों पर कुल ₹32 लाख का इनाम घोषित था। आत्मसमर्पित नक्सलियों को ₹25,000 की प्रोत्साहन राशि दी गई।
यह आत्मसमर्पण बस्तर आईजी सुन्दरराज पी., कांकेर डीआईजी अमित तुकाराम कांबले और डीआईजी/एसएसपी कांकेर आई. के. एलिसेला के नेतृत्व में चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत हुआ।
नक्सलियों ने सरकार की पुनर्वास नीति, संगठन की खोखली विचारधारा, हिंसा और शोषण से तंग आकर आत्मसमर्पण करने का फैसला लिया।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की सूची और प्रमुख घटनाएं
1. ममता उर्फ शांता (डीवीसी प्रभारी)
निवासी: करीमनगर, तेलंगाना
सक्रियता: 1995 से नक्सल संगठन में
पुरस्कार राशि: ₹8 लाख
मुख्य घटनाएं:
2011: सुलंगी मुठभेड़, 2 BSF जवान शहीद
2015: मेटाबोदेली (चारगांव) माइंस आगजनी
2018: महला एम्बुश, 2 BSF जवान शहीद
2. दिनेश मट्टामी (मिलिट्री कंपनी नं. 10 सदस्य) निवासी: नारायणपुर सक्रियता: 2021 से पुरस्कार राशि: ₹8 लाख मुख्य घटना: 2024: हिदूर सड़क निर्माण वाहनों में आगजनी
3. आयतु राम पोटाई (मिलिट्री कंपनी नं. 05 सदस्य) निवासी: कांकेर सक्रियता: 2018 से पुरस्कार राशि: ₹8 लाख मुख्य घटनाएं: 2018: गोमे-मिण्डी एम्बुश 2019: महला एम्बुश 2020: पतकालबेड़ा मुठभेड़
4. जमुना उर्फ नीरा नेताम (एरिया कमेटी सदस्य) निवासी: कांकेर सक्रियता: 2003 से पुरस्कार राशि: ₹5 लाख मुख्य घटनाएं: 2007: भुस्की एम्बुश, 5 पुलिसकर्मी शहीद 2023: आलदण्ड-बिनागुंडा जंगल मुठभेड़
5. इतवारीन पद्दा (परतापुर एलजीएस सदस्य) निवासी: परतापुर, कांकेर सक्रियता: 2012 से पुरस्कार राशि: ₹1 लाख मुख्य घटनाएं: 2018: महला कैम्प अटैक, 2 BSF जवान घायल 2020: पतकालबेड़ा मुठभेड़, 3 नक्सली ढेर
6. संजय नरेटी (पानीडोबीर एलओएस सदस्य) निवासी: कांकेर सक्रियता: 2020 से पुरस्कार राशि: ₹1 लाख मुख्य घटनाएं: 2023: गोमें जंगल मुठभेड़ 2024: काकनार पुलिस मुठभेड़
7. सगनु राम आंचला (पानीडोबीर एलओएस सदस्य) निवासी: कोयलीबेड़ा, कांकेर सक्रियता: 2020 से पुरस्कार राशि: ₹1 लाख मुख्य घटनाएं: 2020: पतकालबेड़ा जंगल मुठभेड़ 2023: आलपरस में 12 गाड़ियों में आगजनी
सरकार की पुनर्वास नीति का असर
सरकार की पुनर्वास योजना के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास का मौका मिलेगा। इन्हें आर्थिक सहायता, रोजगार और समाज की मुख्यधारा में लौटने का अवसर दिया जाएगा। अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ आत्मसमर्पण: विपुल मोहन बाला (डीआईजी, बीएसएफ सेक्टर कन्हारगांव) संदीप पटेल (एडिशनल एसपी, भानुप्रतापपुर) दिनेश सिन्हा (एडिशनल एसपी, कांकेर)
कांकेर पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए यह एक बड़ी सफलता है। यह दर्शाता है कि सरकार की पुनर्वास नीति और पुलिस की रणनीतियों के चलते नक्सली संगठन कमजोर हो रहे हैं। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने का अवसर दिया जाएगा, जिससे क्षेत्र में शांति स्थापित करने में मदद मिलेगी।