Sawan 2025: सावन में हर सुहागिनों को करना चाहिए ये श्रृंगार, जानिए 5 खास श्रृंगार और उनका अर्थ

Sawan 2025: नई दिल्ली : सावन का पावन महीना न सिर्फ भगवान शिव की भक्ति का प्रतीक है, बल्कि सुहागिन महिलाओं के लिए यह विशेष श्रद्धा और श्रृंगार का भी समय होता है। इस माह में महिलाएं व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। पारंपरिक मान्यता है कि इस दौरान खास श्रृंगार करने से भगवान शिव और माता पार्वती प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
क्यों खास है सावन में श्रृंगार?
श्रृंगार नारी का सौंदर्य ही नहीं, बल्कि श्रद्धा और आस्था का प्रतीक भी होता है। खासकर सावन में जब हरियाली छाई होती है और व्रत-त्योहारों की धूम होती है हरियाली तीज, नाग पंचमी, हरतालिका तीज जैसे पर्व महिलाओं के श्रृंगार को विशेष महत्व देते हैं।
सावन में करें ये 5 विशेष श्रृंगार
1. हरे रंग का वस्त्र पहनना
सावन में हरे रंग को सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह रंग प्रकृति की हरियाली और ताजगी से जुड़ा है। ऐसा माना जाता है कि हरे वस्त्र पहनने से माता पार्वती प्रसन्न होती हैं और वैवाहिक जीवन में सुख और शांति बनी रहती है।
2. हरी चूड़ियां पहनना
सुहागिन महिलाओं के श्रृंगार में हरी चूड़ियों का विशेष स्थान है। हरी चूड़ियां नारी के सौभाग्य की प्रतीक होती हैं। व्रत के दिनों में इन्हें पहनना शुभ माना जाता है और माना जाता है कि इससे पति की उम्र लंबी होती है।
3. बिंदी लगाना
बिंदी श्रृंगार का अभिन्न हिस्सा है, विशेषकर सुहागिन महिलाओं के लिए। सावन में हरे रंग की बिंदी लगाना शुभ माना जाता है। यह शिव और पार्वती की कृपा पाने का एक माध्यम है, जो सुहाग की रक्षा करता है।
4. मेहंदी रचाना
मेहंदी सिर्फ हाथों की खूबसूरती ही नहीं बढ़ाती, बल्कि इसे प्रेम और सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है। सावन में मेहंदी लगाना अत्यंत शुभ होता है क्योंकि यह माता पार्वती को अत्यंत प्रिय है।
5. पैरों में आलता लगाना
सावन के व्रत के दौरान पैरों में आलता लगाना भी विशेष माना गया है। यह महिलाओं के सौंदर्य और श्रृंगार को पूर्णता देता है और साथ ही पारंपरिक रूप से शुभता और सौभाग्य का संकेत भी है।
श्रद्धा और श्रृंगार से मिलती है पार्वती माँ की कृपा
श्रृंगार केवल सजने-संवरने के लिए नहीं, बल्कि यह ईश्वर के प्रति समर्पण और आस्था का भी स्वरूप है। सावन में जब महिलाएं पूरी श्रद्धा के साथ श्रृंगार कर शिव-पार्वती की पूजा करती हैं, तो उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और दांपत्य जीवन सुखमय होता है।