रायपुर : राजनीतिक दलों को दूरदर्शन एवं आकाशवाणी पर निःशुल्क प्रसारण के माध्यम से मतदाताओं को अपनी नीतियों और कार्यक्रमों, घोषणा पत्रों और प्रमुख मुद्दों के संबंध में अपने विचारों को साझा करने का मौका चुनाव आयोग के द्वारा दिया जायेगा। राजनीतिक दल को दूरदर्शन और आकाशवाणी पर निःशुल्क प्रसारण के लिए समय उपलब्ध कराने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
हर दल को मिलेंगा 45 मिनट
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार विधानसभा निर्वाचन-2023 के लिए सभी राष्ट्रीय दलों और छत्तीसगढ़ में मान्यता प्राप्त राज्यीय दल को दूरदर्शन और आकाशवाणी के क्षेत्रीय नेटवर्क पर प्रचार के लिए प्रारंभिक रूप से 45 मिनट की एक समान अवधि उपलब्ध कराए जाने के भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश हैं।
मतदान दिवस के दो दिन पहले तक दिया जाएगा समय
साथ ही राजनीतिक दलों द्वारा पिछले विधानसभा निर्वाचनों या लोकसभा के पिछले साधारण निर्वाचनों ,जैसी भी स्थिति हो,में दलों के मतदान निष्पादन के आधार पर अतिरिक्त समय आबंटन का निर्णय आयोग द्वारा लिया जाता है । प्रसारण के लिए एक बार में 15 मिनट से अधिक का समय नहीं दिया जाएगा। राजनीतिक दलों को दूरदर्शन और आकाशवाणी पर प्रसारण के लिए निर्वाचन हेतु प्रत्याशियों की सूची के प्रकाशन के दिन से लेकर प्रत्येक चरण के मतदान दिवस के दो दिन पहले तक दिया जाएगा।
मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की उपस्थिति में निकला जायेगा लाट
प्रसारण के लिए दिन एवं समय का निर्धारण मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की उपस्थिति में दूरदर्शन एवं प्रसार भारती के अधिकारियों द्वारा लॉट निकालकर दिनांक 19 अक्टूबर 2023 को किया गया। प्रदेश में राजनीतिक दलों को प्रसारण की यह सुविधा दूरदर्शन और आकाशवाणी के क्षेत्रीय प्रसारण केन्द्रों तथा राजधानी रायपुर स्थित प्रसारण केन्द्र से दी जाएगी। इसे छत्तीसगढ़ में स्थित दूरदर्शन और आकाशवाणी के अन्य रिले केन्द्र भी प्रसारित करेंगे।
निर्धारित मापदंडों का कड़ाई से करना होगा पालन
राजनीतिक दलों को आयोग द्वारा निर्धारित मापदंडों का कड़ाई से पालन करना होगा। प्रसारण के लिए रिकॉर्डिंग एवं उसकी ट्रांसक्रिप्ट (अनुलिपि) पहले ही जमा कराना होगा। आयोग ने प्रसारण की विषयवस्तु के लिए कड़े दिशा-निर्देश दिए हैं। प्रसारण में दूसरे देशों की आलोचना, धर्मों एवं समुदायों पर आक्षेपण, कोई अश्लील व अपमानजनक चीज, हिंसा भड़काना, न्यायालय की अवमानना, राष्ट्रपति एवं न्यायालय की सत्यनिष्ठा के प्रति निंदा, राष्ट्र की एकता, संप्रभुता एवं अखण्डता को प्रभावित करने वाली कोई चीज, किसी व्यक्ति का नाम लेकर कोई आलोचना करने की अनुमति नहीं होगी।