ई-ऑफिस के लिए विधायकों को पांच लाख रुपए का बेसब्री से इंजतार, सरकार कवायद में जुटी

भोपाल। भारी-भरकम प्रतिमाह वेतन भत्ता पाने वाले विधायकों को अब ई-ऑफिस के लिए पांच लाख रुपए का बेसब्री से इंजतार है। बजट सत्र में विधायकों के लिए इसका एलान किया गया था, लेकिन अभी तक सरकार यह तय नहीं कर पाई कि यह राशि किस रूप में दी जाए। सरकार में इसको लेकर विचार मंथन चल रहा है, वहीं विधायकों ने सरकार पर दबाव बनाया है।
वे चाहते हैं कि यह राशि जल्द स्वीकृत हो, लेकिन सरकार इस मामले में जल्दबाजी नहीं करना चाहती। दूरगामी परिणामों को देखते हुए इस मामले में निर्णय लिए जाने की बात कही जा रही है। असल में विधानसभा सचिवालय ई-विधान लागू करने की तैयारी में है। इसके तहत सदन का पूरा काम-काज ऑनलाइन होना है। इस ई-विधान योजना के लिए केन्द्र सरकार 60 प्रतिशत एवं राज्य सरकार 40 प्रतिशत राशि देगी। विधानसभा सचिवालय को इसके लिए पूरा सेटअप तैयार करना है। सदन में विधायकों की टेबल पर कप्यूटर स्क्रीन होगी।
इसी में उन्हें पूरी जानकारी मिलती रहेगी। टैबलेट भी दिए जाएंगे, जिसे वे अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि कई विधायकों के पास ऑफिस की व्यवस्था ही नहीं है। ऑफिस के लिए भवन या भूमि की मांग भी आ रही है। सरकार की चिंता यह है कि ऐसे में खर्च और ज्यादा बढ़ेगा।
चुनाव हारने के बाद कई विधायक तो सरकारी आवास से कब्जा नहीं छोड़ते, सरकारी आवास को खाली कराने के लिए सरकार को पसीना आ जाता है, ऐसे में उनके विधानसभा क्षेत्र के सरकारी ई-ऑफिस को कैसे खाली कराया जाएगा। इन्हीं सभी बिन्दुओं पर विचार हो रहा है। यह भी विचार हो रहा है कि उन्हें दी जाने वाली विधायक निधि में इस राशि को शामिल कर दिया जाए।