जीतू पटवारी का हमला पीथमपुर में लोग आग लगा रहे, निष्पादन रोकने की मांग

भोपाल। यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के निष्पादन को लेकर सतापक्ष और विपक्ष आमने सामने हैं। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए निशाना साधा है। जीतू पटवारी ने आज भोपाल में कहा कि लोगों ने बीजेपी पर भरोसा किया था. लेकिन पिछले एक महीने से भ्रष्टाचार का आलम ये रहा की एमपी का मुंह काला किया जा रहा हैं। यूनियन कार्बाइड के कचरे के पीछे भू माफियाओं का खेल है।
आनन फानन में कचरे को पीथमपुर शिफ्ट किया गया सरकार ने ऐसी चोरी क्यों की, जीतू पटवारी ने कहा कि मंत्री कैलाश विजयवर्गीय कह रहे हैं कि उन्हें पता ही नहीं था। पटवारी ने कहा कि पीथमपुर, इंदौर, धार जिले में दहशत है, लोग खुद को आग लगा रहे हैं। कचरे के निष्पादन की प्रक्रिया को रोका जाना चाहिए। जीतू ने कहा की सीएम और विजयवर्गीय कह रहे है कि 25 साल में जहरीला तत्व खत्म हो चुका है क्या ये लोग वैज्ञानिक हैं जो इन्हें पता है कि अब कचरा जहरीला नहीं है।
रामकी कंपनी के आस पास के 10 किलोमीटर का एरिया पहले ही प्रदूषित हो चुका है। बीजेपी पागल हाथी की तरह काम कर रही है। जनता के लिए कुछ करने की बजाय सिर्फ भ्रष्टाचार हो रहा है। मोहन यादव को तत्काल कचरा निष्पादन को रोकाना चाहिए। उन्होंने कहा की किसी को भी हिंसक आंदोलन नहीं करना चाहिए। लोग जलने लगे है अब तो सरकार को जागना चाहिए।
सौरभ शर्मा की जान को अब भी खतरा
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने सौरभ शर्मा की जान को फिर खतरा बताया है। आज उन्होंने सौरभ शर्मा की लाल डायरी में 10 मंत्रियों का नाम होने का दावा किया। साथ ही सौरभ शर्मा मामले में जांच एजेंसीयो पर जीतू पटवारी सवाल भी खड़े किए। जीतू पटवारी ने कहा कि सौरभ शर्मा का अस्तित्व खतरे में है। जिस तरफ सौरभ शर्मा का अस्तित्व खतरे में है वैसे ही जिस डायरी में राज छिपे हैं उस डायरी का अस्तित्व भी खतरे में है।
सौरभ शर्मा के काले कारनामों की जो डायरी जांच एजेंसी को मिली है उसमें 10 मंत्रियों के नाम है। अब डायरी सामने आएगी भी या नहीं क्योंकि कोई भी जांच एजेंसी नहीं बता रही कि आखिर डायरी किस जांच एजेंसी के पास है। सौरभ शर्मा को लेकर जांच एजेंसियां भी गलत जानकारी देती है। सौरभ शर्मा के खिलाफ ईडी को इतने सारे सबूत मिले है उसके बावजूद अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई। लेकिन केजरीवाल को बिना सबूत के ही जेल भेज दिया गया था।