अलर्ट होने के बावजूद भूमि का उपयोग नहीं करने वाले उद्योगपत्तियों से जमीन वापस ले रही सरकार

MP News : भोपाल। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट (जीआईएस) से पहले प्रदेश सरकार एक्शन मोड में है। अब सरकार उन उद्योगपत्तियों से जमीनें वापस ले रही है. जिन्होंने आवंटित भूमि का अब तक उपयोग नहीं किया है। जिन कंपनियों से भूमि वापस लेना है, उनकी बाकायदा सूची बनाई गई है। इस एक्शन में सबसे पहले इंदौर के सुपर कॉरिडोर स्थित टिगरिया बादशाह और बांगड़दा सीमा में इंफोसिस लिमिटेड को आवंटित जमीन में से सरकार ने 50 एकड़ वापस ले ली है। बताते हैं कि यह भूमि खाली पड़ी थी, इसका उपयोग नहीं किया गया था।
MP News : राजधानी भोपाल से मिले निर्देशों के बाद इंदौर के एसडीएम और तहसीलदार ने जमीन की नपती कर प्रत्येक खसरे की विस्तृत जानकारी तैयार की है। भोपाल में 24 और 25 फरवरी को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर समिट (जीआईएस) 2025 से पहले खाली जमीनों की सूची तैयार की जा रही है, ताकि अन्य उद्योगों को आवंटित किया जा सके। प्रशासन द्वारा 36 खसरों की नपती पूरी कर शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है। सरकार प्रदेश में पड़ी औद्योगिक भूमि की जानकारी सभी जिलों से एकत्र कर रही है।
MP News : इसी कड़ी में इंफोसिस इंदौर ने 20.234 हेक्टेयर (लगभग 50 एकड़) जमीन सरकार को लौटा दी है। मध्य प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के उप सचिव के निर्देश के बाद जिला प्रशासन को इस जमीन की नपती कर रिपोर्ट भेजने को कहा गया था। मल्हारगंज एसडीएम निधि वर्मा ने नपती पूरी कर शासन को रिपोर्ट भेज दी है। यह जमीन लीज डीड की शर्तों के तहत वापस ली गई है, क्योंकि इंफोसिस ने इस जमीन का पूरा उपयोग नहीं किया और लीज की शर्तों का उल्लंघन किया।
MP News : अब यह भूमि अन्य उद्योगों को पट्टे पर दी जा सकेगी। कैबिनेट ने निवेश नीति 2016 की जगह नई आईटी, आईटीईएस एवं ईएसडीएम निवेश प्रोत्साहन नीति 2023 को मंजूरी दी है। इस नई नीति के तहत निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई प्रावधान जोड़े गए हैं। सरकार का उद्देश्य आईटी और ईएसडीएम सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना और प्रदेश को नया आईटी हब बनाना है।