अमेरिका से 205 भारतीयों को लेकर अमृतसर पहुंचेगा विमान, पंजाब सरकार ने किये पुख्ता इंतजाम

अमेरिकी सेना का एक विमान, बिना दस्तावेज़ों के अमेरिका में रह रहे 205 भारतीयों को लेकर, अमृतसर के गुरु रविदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने वाला है। यह ट्रंप के दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद अमेरिका से भारतीय नागरिकों का पहला निर्वासन है।
सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी निगरानी
सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि सभी भारतीयों की सूची की जांच कर ली गई है और इनमें से कोई भी शातिर अपराधी नहीं है। जानकारी मिली की अमृतसर पहुंचने वाले कुछ लोगों को पुलिस की गाड़ियों से उनके गांव ले जाया जाएगा, जबकि अन्य राज्यों के लोगों को फ्लाइट से उनके गृह राज्य भेजा जाएगा।
हालांकि, मीडिया को एयरपोर्ट के भीतर जाने की अनुमति नहीं दी गई है, लेकिन बाहर पत्रकार इन लोगों से बातचीत कर सकेंगे।
पंजाब सरकार का रुख
पंजाब सरकार के एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने इस मुद्दे को "बेहद गंभीर" करार दिया है। उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट कर बताया कि वे खुद अमृतसर एयरपोर्ट पर मौजूद रहेंगे और डिपोर्ट किए गए भारतीयों का स्वागत करेंगे। वहीं, पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने मीडिया से कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रवासियों को पंजाब सरकार की ओर से दोस्ताना अंदाज में रिसीव किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार के साथ संपर्क में हैं और जैसे ही अधिक जानकारी मिलेगी, उसे सार्वजनिक किया जाएगा।
केंद्र सरकार से कड़ा रुख अपनाने की मांग
मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह इस मामले को गंभीरता से ले। उन्होंने कहा कि अमेरिका से लौटाए जा रहे कई भारतीय पहले वर्क परमिट पर गए थे, लेकिन बाद में उनके दस्तावेज़ों की वैधता समाप्त हो गई, जिससे वे अवैध प्रवासी बन गए। धालीवाल ने यह भी कहा कि इन प्रवासियों ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में योगदान दिया है और उन्हें वापस भेजने के बजाय वहां स्थायी नागरिकता दी जानी चाहिए थी।