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भारत-ब्रिटेन FTA से झारखंड को बड़ा फायदा, इंजीनियरिंग गुड्स, माइका, रेडीमेड गारमेंट्स के लिए नए बाजार, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे

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विशेषज्ञों का मानना है कि इससे झारखंड के छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs), कारीगरों और स्थानीय उद्योगों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बढ़त हासिल होगी।

Jharkhand News : राँची। भारत और ब्रिटेन के बीच गुरुवार को हुए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) ने झारखंड के कारोबारियों और निर्यातकों के लिए नई संभावनाएं खोल दी हैं। इस समझौते से राज्य के प्रमुख निर्यात उत्पादों जैसे इंजीनियरिंग गुड्स, माइका, कोयला, लौह अयस्क, रेडीमेड गारमेंट्स, और जैविक रसायनों को ब्रिटिश बाजार में आसान पहुंच और आयात शुल्क में भारी छूट मिलेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे झारखंड के छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs), कारीगरों और स्थानीय उद्योगों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बढ़त हासिल होगी।


इंजीनियरिंग गुड्स और अन्य उत्पादों को मिलेगा बूस्ट-

झारखंड से होने वाले कुल निर्यात में इंजीनियरिंग गुड्स की हिस्सेदारी 40.73% है, जो राज्य का सबसे बड़ा निर्यात क्षेत्र है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 में अप्रैल से नवंबर तक झारखंड से 8,888.64 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ, जो 2024-25 की समान अवधि में बढ़कर 10,831.16 करोड़ रुपये हो गया, यानी करीब 2,000 करोड़ रुपये की वृद्धि। इस FTA के तहत ब्रिटेन में इंजीनियरिंग गुड्स, माइका, कोयला, लौह अयस्क, रेडीमेड गारमेंट्स, और जैविक रसायनों पर शुल्क में कमी से इन उत्पादों की मांग बढ़ने की उम्मीद है। विशेष रूप से भारी उद्योग, कंस्ट्रक्शन, और ऑटोमोबाइल सेक्टर में झारखंड के उत्पादों को नया बाजार मिलेगा।


छोटे-मध्यम उद्यमों और कारीगरों को फायदा-

झारखंड कंज्यूमर प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अखौरी ने कहा, “यह समझौता MSMEs और कारीगरों के लिए गेम-चेंजर साबित होगा। रेडीमेड गारमेंट्स, हैंडीक्राफ्ट, और मसालों जैसे उत्पादों को ब्रिटेन में नया बाजार मिलेगा। लॉजिस्टिक्स लागत में कमी और व्यापारिक प्रक्रियाओं के सरलीकरण से निर्यात प्रक्रिया आसान होगी।” इस समझौते से गैर-टैरिफ बाधाएं भी कम होंगी, जिससे निर्यात समय और लागत में सुधार होगा।


रोजगार के नए अवसर-

स्थानीय कारोबारियों का कहना है कि निर्यात में वृद्धि से उत्पादन बढ़ेगा, जिससे रोजगार के अवसरों में इजाफा होगा। खासकर रेडीमेड गारमेंट्स, हैंडीक्राफ्ट, और जैविक रसायनों जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों में नौकरियों की संख्या बढ़ेगी। यह समझौता न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार भी खोलेगा। ब्रिटेन के $26.95 बिलियन के टेक्सटाइल आयात बाजार में झारखंड के रेडीमेड गारमेंट्स और हैंडीक्राफ्ट की हिस्सेदारी अगले एक-दो वर्षों में 5% तक बढ़ सकती है।


व्यापार और निवेश को गति-

FTA के तहत 99% भारतीय निर्यातों को ब्रिटेन में शुल्क-मुक्त पहुंच मिलेगी, जिससे झारखंड के उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। यह समझौता 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को $120 बिलियन तक ले जाने का लक्ष्य रखता है। झारखंड के कारोबारी इस अवसर का लाभ उठाकर अपने उत्पादों को वैश्विक स्तर पर ले जा सकते हैं, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

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