ट्रेनिंग अवधि में दिए इंक्रीमेंट पर वित्त की आपत्ति, रेंजरों से होगी 20 करोड़ की वसूली

भोपाल। वन रक्षकों के बाद अब प्रदेश के रेंजरों से 20 करोड़ की वसूली होगी। प्रदेश के 741 रेंजरों को वित्त विभाग ने ट्रेनिंग पीरियड में दिए इंक्रीमेंट को गलत माना है। वन विभाग ने इस माह से एक इंक्रीमेंट कम देने और सेवा अवधि में लिए गए अधिक आर्थिक लाभ की वसूली के आदेश जारी कर दिए हैं। रेंजरों से 45 हजार से 5 लाख औसतन ढाई लाख रुपए तक की वसूली होगी। गौरतलब है कि रेंजरों को यह लाभ 1972 से दिया जा रहा है। इनमें से 1991 तक नियुक्त हए रेंजर रिटायर हो चुके हैं और 1992 से 1999 तक की नियुक्ति वाले 6 रेंजर ही सेवा में हैं।
इसके बाद 2008 से भर्ती शुरू हुई है। वर्तमान में741 रेजर पदस्थ हैं। वन विभाग डेढ़ साल का प्रशिक्षण पूरा करने पर रेंजरों को साल 1972 से दो इंक्रीमेंट का लाभ देता आया है। साल 1990 में यह राशि सालाना 3 हजार रुपए थी, जो अब बढ़कर 16800 रुपए हो गई है। हाल ही में वित्त विभाग ने इसे गलत ठहराया है। उल्लेखनीय है कि सरकारी कर्मचारियों को साल में दो इंक्रीमेंट दिए जाते हैं। वित्त के अधिकारियों ने नियम का हवाला देते हुए कहा है कि प्रशिक्षु अवधि प्रशिक्षण से संबंधित है। इस अवधि में प्रशिक्षु को मासिक दर से वेतन तो प्राप्त होता है पर किसी विभाग के मौलिक रिक्त पद के विरुद्ध ३ संवर्ग पर नियुक्त नहीं होते हैं।
इसलिए इंक्रीमेंट भी नहीं दिया जा सकता। रेंजर की नियुक्ति प्रशिक्षण अवधि पूर्ण होने के बाद होती है। ऐसे में रेंजरों को प्रशिक्षण अवधि में दिया गया इंक्रीमेंट गलत है। इसलिए इसकी वसूली की जाएगी। उधर, वनरक्षकों से रिकवरी शुरू हो गई है। वन विभाग से निर्देश मिलने के बाद इनसे रिकवरी की जा रही है।